- फोन टैपिंग मामले में बयान दर्ज कराने के लिए समन
- संजय राउत ने खुद के फोन को निगरानी पर रखने का लगाया था आरोप
- आईपीएस रश्मि शुक्ला के कार्यकाल के दौरान का मामला
मुंबई पुलिस के कोलाबा पुलिस स्टेशन ने शिवसेना नेता संजय राउत को फोन टैपिंग मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए आज पेश होने के लिए समन जारी किया है। इससे पहले एनसीपी नेता एकनाथ खडसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ राजनेताओं के फोन की कथित अवैध टैपिंग के मामले में गवाह के रूप में अपना बयान दर्ज कराने के लिए गुरुवार को यहां कोलाबा पुलिस के सामने पेश हुए थे।
संजय राउत के फोन टैपिंग का मामला
आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला के खिलाफ मार्च में कोलाबा पुलिस स्टेशन में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। रश्मि शुक्ला पर आरोप है कि उन्होंने एकनाथ खडसे और संजय राउत के फोन पर निगरानी पर लगाने का निर्देश दिया था। रश्मि शुक्ला वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और हैदराबाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर तैनात हैं। पुणे पुलिस ने रश्मि शुक्ला के खिलाफ कांग्रेस नेता नाना पटोले के कथित अवैध फोन टैपिंग के मामले में भी प्राथमिकी दर्ज की है, जब राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में थी। श्री पटोले अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं।
रश्मि शुक्ला के कार्यकाल के दौरान का केस
मुबंई पुलिस का कहना है कि कथित अवैध फोन टैपिंग तब हुई जब रश्मि शुक्ला ने राज्य के खुफिया विभाग का नेतृत्व किया।शिकायत के अनुसार, श्री खड़से का फोन 2019 में कथित तौर पर दो बार टैप किया गया था, जब वह भाजपा के साथ थे। वह अक्टूबर 2020 में एनसीपी में शामिल हुए थे।पुलिस अधिकारी ने कहा कि खड़से के अलावा, शिवसेना नेता संजय राउत का फोन भी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गठन के दौरान नवंबर 2019 में टैप किया गया था। अरिक्त पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) की शिकायत पर रश्मि शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। अधिकारियों का कहना है कि मामले की जांच जारी है।