- देशभर में 100 साल से अधिक पुरानी सभी मस्जिदों का ASI सर्वेक्षण कराने की मांग
- दिल्ली के वकील शुभम अवस्थी द्वारा याचिका दायर की गई है
- देश की कई मस्जिदों को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं
ज्ञानवापी मस्जिद और कुतुब मीनार से जुड़े विवादों के बीच भारत में कुओं या तालाबों वाली प्रमुख प्राचीन मस्जिदों का गोपनीय सर्वेक्षण कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दो अधिवक्ताओं द्वारा एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा उन सभी प्रमुख मस्जिदों का गोपनीय सर्वेक्षण कराने मांग की है, जिनमें कुएं/तालाब हैं या मस्जिद के अंदर 'वुजू' करने की अनुमति है।
याचिका में सौ साल से अधिक पुरानी मस्जिदों के तालाबों और कुओं से वुजू को स्थानांतरित करने के निर्देश भी मांगे गए हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार, एक गोपनीय सर्वेक्षण पूरा किया जा सकता है ताकि यदि कोई अवशेष मिले, तो अनावश्यक सांप्रदायिक घृणा और धार्मिक भावनाओं को आहत करने से बचा जा सके।
दिल्ली के अधिवक्ता शुभम अवस्थी और सप्तर्षि मिश्रा द्वारा याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि ज्ञानवापी मंदिर परिसर में तालाब/कुएं में एक शिवलिंग मिला। यह तालाब/कुएं में पाया गया जहां मुसलमान वुज़ू करते थे। पिछले कई दशकों में वुज़ू की प्रथा वहां जारी रही है जो पवित्र शिवलिंग के प्रति जानबूझकर द्वेष और हिंदू देवताओं या अवशेषों के प्रति घृणा को दर्शाता है। इन्हें हिंदुओं द्वारा पवित्र और पूजा जाता है और यह हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के समान है।
कर्नाटक में भी ज्ञानवापी जैसा विवाद, मस्जिद के नीचे मंदिर मिलने का दावा; VHP ने की पूजा अर्चना
इसमें आगे लिखा है कि यह व्यापक रूप से ज्ञात है कि मध्ययुगीन काल के दौरान बहुत सारे हिंदू/जैन/सिख/बौद्ध मंदिर और पूजा स्थलों को अपवित्र किया गया था। इस प्रकार यह सामान्य ज्ञान है कि इन प्राचीन पूजा स्थलों में बहुत सारे अवशेष/देवता इस्लाम के अलावा अन्य धर्मों के होंगे। आपसी सहयोग और सद्भाव की मांग है कि मस्जिदों के अवशेषों का सम्मान किया जाए और प्राचीन धार्मिक अवशेषों की देखभाल और उनकी वापसी के लिए भी कदम उठाए जाएं।
ज्ञानवापी मस्जिद नहीं, मंदिर है, सर्वे में महादेव के सबूत, क्या यह दावा सच है?