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PMGKAY:सबसे बड़े चुनावी दांव पर मोदी सरकार करेगी फैसला ! 80 करोड़ पर सीधा असर

Updated Sep 20, 2022 | 15:21 IST

PMGKAY Latest Update: सरकार ने 2022-23 के बजट में फूड सब्सिडी बिल करीब 2.07 लाख करोड़ रुपये रखा है। और अगर PMGKAY को त्योहारों को देखते हुए अगले तीन महीने और बढ़ाया जाता है, तो इस साल 1.10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो जाएगा। ऐसे में दूसरी योजनाओं पर इसका सीधा असर होगा ।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को मिलेगा विस्तार !
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर के विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिला था चुनावी फायदा।
  • अगले 2 साल में लोक सभा के अलावा 12 राज्यों के चुनाव होंगे।
  • योजना के तहत 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने मुफ्त अनाज दिया जाता  है।

PMGKAY: भाजपा ने जब  बीते मार्च में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर के विधानसभा चुनाव में परचम फहराया, उस वक्त राजनीतिक विश्लेषकों ने पार्टी की बड़ी जीत की एक बड़ी वजह मुफ्त राशन योजना को बताया था। उनके अनुसार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) की वजह से पार्टी को बड़ी संख्या में वंचित और कमजोर तबके का वोट मिला था। अब इस योजना की मियाद 30 सितंबर 2022 को खत्म हो रही है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या मोदी सरकार इस योजना को 7 वीं बार विस्तार देगी। खास तौर पर जब अगले दो-तीन महीने में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। और उसके दो साल के भीतर 10 राज्यों और फिर लोक सभा चुनाव भी होने वाले हैं।

80 करोड़ को मिलता है मुफ्त राशन

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PM Garib Kalyan Anna Yojana)  की शुरूआत कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन को देखते हुए शुरू हुई थी। मार्च, 2020 से शुरू हुई इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) में शामिल लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने मुफ्त अनाज दिया जाता  है। जिसमें हर व्यक्ति को पांच किलो अनाज (गेहूं या चावल) मुफ्त दिया जा रहा है। इसमें लाभार्थी को राशन की दुकानों के जरिए वितरित किए जाने वाले सब्सिडी वाले अनाज के अलावा मुफ्त राशन दिया जाता है । इस मामले में बीते सोमवार को खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कहा था कि योजना को आगे बढ़ाने के संबंध में जल्द फैसला किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय बढ़ते बोझ से परेशान !

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त मंत्रालय इस योजना को बढ़ाने के पक्ष में नहीं है। उसका तर्क है कि योजना के जरिए सरकार पर लगातार सब्सिडी का बोझ बढ़ रहा है। ऐसे में अगर योजना को और विस्तार दिया जाता है, तो उसका सीधा असर खजाने पर पड़ेगा। हालांकि योजना सितंबर के बाद चालू रहेगी या नहीं, इस पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ही लिया जाएगा। मार्च 2020  से अभी तक इस योजना पर सरकार करीब 44 अरब डॉलर का खर्च कर चुकी है। योजना पर करीबी सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। 

दुविधा यह है कि सरकार ने 2022-23 के बजट में फूड सब्सिडी बिल करीब 2.07 लाख करोड़ रुपये रखा है। और अगर इस योजना को, त्योहारों को देखते हुए अगले तीन महीने और बढ़ाया जाता है, तो केवल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर 1.10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हो जाएगा। ऐसे में दूसरी योजनाओं पर सीधा असर होगा या फिर सरकार के खजाने पर सीधा असर होगा।

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2024 तक लोक सभा सहित इन राज्यों में है चुनाव

साल 2024 के लोक सभा चुनाव के पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश,  राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनाव होंगे। इसके अलावा केंद्र सरकार के तरफ से संकेत है कि जम्मू और कश्मीर में भी जल्द चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में 12 राज्यों और 2024 को लोक सभा चुनाव अगले दो साल में होंगे। इसमें 7 राज्यों में भाजपा की सरकार है। और केंद्र में वह लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के लिए मैदान में उतरेगी। इसे देखते हुए मोदी सरकार के लिए , प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर फैसला लेना आसान नहीं होगा।
 

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