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लद्दाख का जिक्र कर बोले मोदी- भारत दोस्ती निभाना जानता है, तो आंख में आख डालकर जवाब देना भी जानता है

Updated Jun 28, 2020 | 11:44 IST

मन की बात के जरिए पीएम मोदी ने कहा कि भारत इस साल कई चुनौतियों से जूझ रहा है लेकिन इन संकटों से हम जरूर बाहर निकल कर आएंगे।

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मोदी बोले- एक साथ कई आपदाओं से जूझ रहा है देश
मुख्य बातें
  • लद्दाख में भारत की भूम पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब मिला है- पीएम मोदी
  • इसी साल में, देश नये लक्ष्य प्राप्त करेगा, नयी उड़ान भरेगा, नयी ऊँचाइयों को छुएगा- पीएम मोदी
  • पीएम बोले- भारत में बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए

नई दिल्ली: पीएम मोदी अपने रेडियो कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि इस वैश्विक महामारी से मानव जाति पर जो संकट आया है, उसपर हमारी बातचीत कुछ ज्यादा ही रही, लेकिन इन दिनों मैं देख रहा हूं, लगातार लोगों में एक ही विषय पर चर्चा हो रही है, कि आखिर ये साल कब बीतेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुश्किलें आती हैं, संकट आते हैं लेकिन इस वजह से यह नहीं मान सकते कि साल खराब है। पीएम मोदी ने कहा कि इस साल हमारे कुछ पड़ोसियों द्वारा जो हो रहा है, देश उन चुनौतियों से भी निपट रहा है I वाकई, एक-साथ इनती आपदाएं, इस स्तर की आपदाएं, बहुत कम ही देखने-सुनने को मिलती हैं।

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आज 28 जून को भारत अपने एक भूतपूर्व प्रधानमंत्री को श्रृद्धांजलि दे रहा है, जिन्होंने एक नाजुक दौर में देश का नेतृत्व किया | हमारे, ये, पूर्व प्रधानमंत्री श्री पी. वी नरसिम्हा राव जी की आज जन्म-शताब्दी वर्ष की शुरुआत का दिन है | जब, हम, पी.वी नरसिम्हा राव जी के बारे में बात करते हैं, तो, स्वाभाविक रूप से राजनेता के रूप में उनकी छवि हमारे सामने उभरती है, लेकिन, यह भी सच्चाई है, कि, वे, अनेक भाषाओँ को जानते थे - मोदी

हमारे यहाँ का एक और पारम्परिक गेम रहा है – गुट्टा। बड़े भी गुट्टे खेलते हैं और बच्चे भी - बस, एक ही साइज के पांच छोटे पत्थर उठाए और आप गुट्टे खेलने के लिए तैयार। एक पत्थर हवा में उछालिए और जब तक वो पत्थर हवा में हो आपको जमीन में रखे बाकी पत्थर उठाने होते हैं। साथियो, मुझे मालूम है, आज, जब मैं ये बात कर रहा हूं, तो, कितने ही लोग अपने बचपन में लौट गए होंगे, कितनों को ही अपने बचपन के दिन याद आ गए होंगे ।मैं यही कहूँगा कि उन दिनों को आप भूले क्यों हैं? उन खेलों को आप भूले क्यों हैं-  पीएम मोदी

- यू.पी. के बाराबंकी में गांव लौटकर आए मजदूरों ने कल्याणी नदी का प्राकृतिक स्वरूप लौटाने के लिए काम शुरू कर दिया। मुझे विश्वास है, साथियो कि आपके गांव में भी,आपके आस-पास भी,ऐसी अनेक घटनाये घटी होंगी। संकट के इस समय में, ये सकारात्मक घटनाएं प्रेरणा देंगी- पीएम मोदी

-कुछ ही दिन पहले स्पेस सेक्ट में ऐतिहासिक सुधार किए गए ।उन सुधारों के जरिए वर्षों से लॉकडाउन में जकड़े इस सेक्टर को आजादी मिली। इससे आत्मनिर्भर भारत के अभियान को न केवल गति मिलेगी, बल्कि देश टेक्नोलॉजी में भी एडवांस बनेगा। अपने कृषि क्षेत्र को देखें, तो, इस सेक्टर में भी बहुत सारी चीजें दशकों से लॉकडाउन में फसी थीं। इस सेक्टर को भी अब अनलॉक कर दिया गया है। इससे एक तरफ किसानों को अपनी फसल कहीं पर भी, किसी को भी, बेचने की आजादी मिली है, वही, उन्हें अधिक ऋण मिलना भी सुनिश्चित हुआ है- पीएम मोदी

-अनलॉक 2 के समय में दो बातों पर गौर करना जरूरी है। लॉकडाउन से ज्यादा सतर्कता हमें अनलॉक दो के दौरान करनी है। अगर आप मास्क नहीं पहनते हैं या दो गज की दूरी का पालन नहीं करते हैं तो आप दूसरों को भी खतरे में डाल रहे हैं। इसलिए सभी देशवासियों से मेरा निवेदन है कि आप लापरवाही मत बरतिए और दूसरा का ख्याल रखिए- पीएम मोदी 

- लद्दाख की घटना का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'भारत मित्रता निभाना जानता है तो आंख में आख डालकर जवाब देना भी जानता है। हमारे वीर सपूतों ने दिखा दिया है कि वो मां भारती की रक्षा के लिए कुछ भी कर सकते हैं। लद्दाख में शहीद हुए जवानों को पूरा देश श्रद्धांजलि दे रहा है। अपने वीर सपूतों के बलिदान पर हर देशवासी गर्व कर रहा है यही तो देश की ताकत है। जिनके बेटे शहीद हुए हैं उनके माता पिता अपने दूसरे बच्चों को भी सेना में भेजना चाहते हैं। अपने वीर-सपूतों के बलिदान पर, उनके परिजनों में गर्व की जो भावना है, देश के लिए जो ज़ज्बा है - यही तो देश की ताकत है। आपने देखा होगा, जिनके बेटे शहीद हुए, वो माता-पिता, अपने दूसरे बेटों को भी, घर के दूसरे बच्चों को भी, सेना में भेजने की बात कर रहे हैं।'

हमारा हर प्रयास इसी दिशा में होना चाहिए, जिससे, सीमाओं की रक्षा के लिए देश की ताकत बढ़े, देश और अधिक सक्षम बने, देश आत्मनिर्भर बने - यही हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी होगी। भारत ने जिस तरह मुश्किल समय में दुनिया की मदद की, उसने आज, शांति और विकास में भारत की भूमिका को और मज़बूत किया है।दुनिया ने भारत की विश्व बंधुत्व की भावना को भी महसूस किया है। अपनी संप्रभुता और सीमाओं की रक्षा करने के लिए भारत की ताकत और भारत के commitment को भी देखा है। भारत में जहां एक तरफ़ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए। नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत गड़े गए,यानि संकट के दौरान भी हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही।-  पीएम मोदी

- भारत का इतिहास ही आपदाओं और चुनौतियों पर जीत हासिल कर और ज्यादा निखरकर निकलने का रहा है I सैकड़ों वर्षों तक अलग- अलग आक्रांताओं ने #भारत पर हमला किया, लोगों को लगता था कि भारत की संरचना ही नष्ट हो जाएगी, लेकिन इन संकटों से भारत और भी भव्य होकर सामने आया। भारत में भी, जहां एक तरफ़ बड़े-बड़े संकट आते गए, वहीं सभी बाधाओं को दूर करते हुए अनेकों-अनेक सृजन भी हुए I नए साहित्य रचे गए, नए अनुसंधान हुए, नए सिद्धांत गड़े गए,यानि संकट के दौरान भी, हर क्षेत्र में सृजन की प्रक्रिया जारी रही और हमारी संस्कृति पुष्पित-पल्लवित होती रही- पीएम मोदी

- पीएम मोदी ने कहा, ''मन की बात' में अनेक विषयों पर बात की गई। महामारी पर भी खूब बातें हुईं। लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर यह साल कब बीतेगा? लोग दोस्तों से कह रहे हैं यह साल अच्छा नहीं है, 2020 शुभ नहीं है। हो सकता है ऐसी बातचीत के कुछ कारण भी हों। हम कहां जानते थे कि कोरोना जैसा संकट आएगा। देश में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। देश के पूर्वी छोर पर तूफान आया। किसान भाई बहन टिड्डी दल के हमले से परेशान हैं। देश में छोटे-छोटे भूकंप आ रहे हैं। इन सब के बीच पड़ोसी जो कर रहे हैं देश उससे भी निपट रहा है।'

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