- पीएम मोदी ने मन की बात के दौरान म्यूजियम से संबंधित पूछे प्रश्न
- अब ऐसा नहीं है कि UPI का प्रसार केवल दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित है- पीएम मोदी
- पीएम बोले- Covid Protocols की वजह से संग्रहालयों में नए तौर-तरीके अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है
PM Modi Mann Ki Baat Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। पीएम मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम का यह 88वां एपिसोड है। इस दौरान पीएम मोदी ने भीम ऐप से लेकर ऐतिहासिक म्यूजियम और वैदिक गणित तथा जल संरक्षण जैसे मुद्दों का जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि नए विषयों के साथ, नए प्रेरक उदाहरणों के साथ, नए-नए संदेशों को समेटते हुए, एक बार फिर मैं आपसे ‘मन की बात’ करने आया हूँ | पीएम मोदी ने और क्या कहा उसका वर्णन नीचे दिया गया गया-
Mann Ki Baat Updates:
-साथियो, हम भारतीयों के लिए गणित कभी मुश्किल विषय नहीं रहा, इसका एक बड़ा कारण हमारी वैदिक गणित भी है। आधुनिक काल में वैदिक गणित का श्रेय जाता है – श्री भारती कृष्ण तीर्थ जी महाराज को | उन्होंने Calculation के प्राचीन तरीकों को revive किया और उसे वैदिक गणित नाम दिया। साथियो, हम भारतीयों के लिए गणित कभी मुश्किल विषय नहीं रहा, इसका एक बड़ा कारण हमारी वैदिक गणित भी है। साथियो, आज ‘मन की बात’ में वैदिक गणित सिखाने वाले एक ऐसे ही साथी हमारे साथ भी जुड़ रहे हैं | ये साथी हैं कोलकाता के गौरव टेकरीवाल जी- पीएम मोदी
-अभी कुछ दिन पहले मुझसे Intel कंपनी के CEO मिले थे | उन्होंने मुझे एक painting दी थी उसमें भी वामन अवतार के जरिये गणना या माप की ऐसी ही एक भारतीय पद्धति का चित्रण किया गया था। इसी तरह, आर्यभट्ट से लेकर रामानुजन जैसे गणितज्ञों तक गणित के कितने ही सिद्धांतों पर हमारे यहाँ काम हुआ है। Computer की भाषा में आपने binary system के बारे में भी सुना होगा, लेकिन, क्या आपको पता है, कि हमारे देश में आचार्य पिंगला जैसे ऋषि हुए थे, जिन्होंने, binary की कल्पना की थी। आधुनिक काल में वैदिक गणित का श्रेय जाता है – श्री भारती कृष्ण तीर्थ जी महाराज को | उन्होंने Calculation के प्राचीन तरीकों को revive किया और उसे वैदिक गणित नाम दिया। साथियो, हम भारतीयों के लिए गणित कभी मुश्किल विषय नहीं रहा, इसका एक बड़ा कारण हमारी वैदिक गणित भी है- पीएम मोदी
साथियों, गणित तो ऐसा विषय है जिसे लेकर हम भारतीयों को सबसे ज्यादा सहज होना चाहिए। आखिर, गणित को लेकर पूरी दुनिया के लिए सबसे ज्यादा शोध और योगदान भारत के लोगों ने ही तो दिया है। Calculus से लेकर Computers तक – ये सारे वैज्ञानिक आविष्कार Zero पर ही तो आधारित हैं। शून्य, यानी, जीरो की खोज और उसके महत्व के बारे में आपने खूब सुना भी होगा | अक्सर आप ये भी सुनते होंगे कि अगर zero की खोज न होती, तो शायद हम, दुनिया की इतनी वैज्ञानिक प्रगति भी न देख पाते। भारत के गणितज्ञों और विद्वानों ने यहाँ तक लिखा है कि –यत किंचित वस्तु तत सर्वं, गणितेन बिना नहि ! अर्थात, इस पूरे ब्रह्मांड में जो कुछ भी है, वो सब कुछ गणित पर ही आधारित है- पीएम मोदी
- संसार में, जल ही, हर एक जीव के, जीवन का आधार है और जल ही सबसे बड़ा संसाधन भी है। वाल्मीकि रामायण में जल स्त्रोतों को जोड़ने पर, जल संरक्षण पर, विशेष जोर दिया गया है। इसी तरह, इतिहास के Students जानते होगें, सिन्धु-सरस्वती और हडप्पा सभ्यता के दौरान भी भारत में पानी को लेकर कितनी विकसित Engineering होती थी। प्राचीन काल में, प्राकृतिक संसाधनों की क़िल्लत भी नहीं थी, एक प्रकार से विपुलता थी, फिर भी, जल संरक्षण को लेकर, तब, जागरूकता बहुत ज्यादा थी। लेकिन, आज स्थिति इसके उलट है। साथियो, जल से जुड़ा हर प्रयास हमारे कल से जुड़ा है। इसमें पूरे समाज की ज़िम्मेदारी होती है। इसके लिए सदियों से अलग-अलग समाज, अलग-अलग प्रयास लगातार करते आये हैं। आइये, आजादी के अमृत महोत्सव में हम जल-संरक्षण और जीवन-संरक्षण का संकल्प लें। हम बूंद-बूंद जल बचाएंगे और हर एक जीवन बचाएंगे: पीएम मोदी
साथियो, पानी की उपलब्धता और पानी की क़िल्लत, ये किसी भी देश की प्रगति और गति को निर्धारित करते हैं। आपने भी गौर किया होगा कि ‘मन की बात’ में, मैं, स्वच्छता जैसे विषयों के साथ ही बार-बार जल संरक्षण की बात जरुर करता हूँ। यूपी के रामपुर की ग्राम पंचायत पटवाई में एक सराहनीय प्रयास- पीएम मोदी
-मेरे प्यारे देशवासियो, देश के ज़्यादातर हिस्सों में गर्मी बहुत तेजी से बढ़ रही है। बढ़ती हुई ये गर्मी, पानी बचाने की हमारी ज़िम्मेदारी को भी उतना ही बढ़ा देती है। हो सकता है कि आप अभी जहां हों, वहां पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो। लेकिन, आपको उन करोड़ों लोगों को भी हमेशा याद रखना है, जो जल संकट वाले क्षेत्रों में रहते हैं, जिनके लिए पानी की एक-एक बूंद अमृत के समान होती है। साथियो, इस समय आजादी के 75वें साल में, आजादी के अमृत महोत्सव में, देश जिन संकल्पों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उनमें जल संरक्षण भी एक है। अमृत महोत्सव के दौरान देश के हर जिले में 75 अमृत सरोवर बनाये जायेंगे- पीएम मोदी
-मेरे प्यारे देशवासियो, Technology की ताकत कैसे सामान्य लोगों का जीवन बदल रही है, ये हमें हमारे आस-पास लगातार नजर आ रहा है | Technology ने एक और बड़ा काम किया है | ये काम है दिव्यांग साथियों की असाधारण क्षमताओं का लाभ देश और दुनिया को दिलाना। खेलों की तरह ही, arts, academics और दूसरे कई क्षेत्रों में दिव्यांग साथी कमाल कर रहे हैं, लेकिन, जब इन साथियों को technology की ताकत मिल जाती है, तो ये और भी बड़े मुकाम हासिल करके दिखाते हैं। हमारे दिव्यांग भाई-बहन क्या कर सकते हैं, ये हमने Tokyo Paralympics में देखा है- पीएम मोदी
-अब ऐसा नहीं है कि UPI का प्रसार केवल दिल्ली जैसे बड़े शहरों तक ही सीमित है! मैं आपसे भी आग्रह करूँगा कि Cashless Day Out का experiment करके देखें, जरुर करें | क्या आपने कभी सोचा है कि आपके इन छोटे-छोटे online payment से देश में कितनी बड़ी digital economy तैयार हुई है। अब तो छोटे-छोटे शहरों में और ज्यादातर गांवों में भी लोग UPI से ही लेन-देन कर रहे हैं! मैं चाहूँगा कि अगर आपके पास भी digital payment और startup ecosystem की इस ताकत से जुड़े अनुभव हैं तो उन्हें साझा करिए | आपके अनुभव दूसरे कई और देशवासियों के लिए प्रेरणा बन सकते हैं - पीएम मोदी
-क्या आप जानते हैं कि देश के किस शहर में एक प्रसिद्ध रेल म्यूजियम है, जहाँ पिछले 45 वषों से लोगो को भारतीय रेल की विरासत देखने का मौका मिल रहा है? क्या आप जानते हैं कि मुंबई में वो कौन सा म्यूजियम है, जहाँ हमें बहुत ही रोचक तरीके से Currency का Evolution देखने को मिलता है ? यहाँ ईसा पूर्व छठी शताब्दी के सिक्के मौजूद हैं तो दूसरी तरफ e-Money भी मौजूद है। तीसरा सवाल ‘विरासत-ए-खालसा’ इस म्यूजियम से जुड़ा है | क्या आप जानते हैं, ये म्यूजियम, पंजाब के किस शहर में मौजूद है? पतंगबाजी में तो आप सबको बहुत आनंद आता ही होगा, अगला सवाल इसी से जुड़ा है। देश का एकमात्र Kite Museum कहाँ है? साथियो, technology के इस दौर में आपके लिए इनके उत्तर खोजना बहुत आसान है | ये प्रश्न मैंने इसलिए पूछे ताकि हमारी नई पीढ़ी में जिज्ञासा बढ़े, वो इनके बारे में और पढ़ें, इन्हें देखने जाएँ। भारत में भी लोग अब इसके लिए आगे आ रहे हैं | मैं, ऐसे सभी निजी प्रयासों की भी सराहना करता हूँ। बहुत से लोग अपने पुराने collection को, ऐतिहासिक चीज़ों को भी, म्यूजियम्स को दान कर रहे हैं। आप जब ऐसा करते हैं तो एक तरह से आप एक सांस्कृतिक पूँजी को पूरे समाज के साथ साझा करते हैं- पीएम मोदी
- आज, बदलते हुए समय में और Covid Protocols की वजह से संग्रहालयों में नए तौर-तरीके अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है | Museums में Digitisation पर भी Focus बढ़ा है। आप सब जानते हैं कि 18 मई को पूरी दुनिया में International Museum Day मनाया जाएगा। इसे देखते हुए अपने युवा साथियों के लिए मेरे पास एक idea है। हाल ही में, मुझे ऐसे संकल्प के बारे में पता चला, जो वाकई बहुत अलग था, बहुत अनोखा था | इसलिए मैंने सोचा कि इसे ‘मन की बात’ के श्रोताओं को ज़रूर share करूं- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, 'एक श्रोता हैं श्रीमान सार्थक जी, सार्थक जी गुरुग्राम में रहते हैं और पहला मौका मिलते ही वो प्रधानमंत्री संग्रहालय देख आए हैं। सार्थक जी ने Namo App पर जो संदेश मुझे लिखा है, वो बहुत interesting है। साथियो, देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को याद करने के लिए आज़ादी के अमृत महोत्सव से अच्छा समय और क्या हो सकता है | देश के लिए यह गौरव की बात है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन-आंदोलन का रूप ले रहा है।'
इतिहास को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है और ऐसे में पी.एम. म्यूजियम युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है जो देश की अनमोल विरासत से उन्हें जोड़ रहा है। इतिहास को लेकर लोगों की दिलचस्पी काफी बढ़ रही है और ऐसे में पी.एम. म्यूजियम युवाओं के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है जो देश की अनमोल विरासत से उन्हें जोड़ रहा है: पीएम मोदी