- कोरोना वायरस से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल डिस्टेंसिंग पर दिया है जोर
- पीएम देश को कई बार कर चुके हैं जागरूक, सोशल डिस्टेंसिंग को बताया है एक मात्र उपाय
- देश में 3 मई तक लागू है लॉकडाउन, 12,000 से ज्यादा लोग इस महामारी की चपेट में आए
नई दिल्ली : कोविड-19 के प्रकोप से बचने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर देते आए हैं। उन्होंने एक बार फिर इसकी उपयोगिता एवं महत्व बताने के लिए अपने ट्विटर हैंडल पर शुक्रवार को बच्चों के कई वीडियो पोस्ट किए। प्रधानमंत्री ने इन वीडियो के जरिए यह बताने की कोशिश है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना कितना जरूरी है। एक वीडियो में दो लड़कियां कोरोना वायरस से लड़ने के उपाय बताती नजर आई हैं।
वीडियो में लड़कियों ने यह बताया है कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग अहम भूमिका निभा सकता है। भारत में इस महामारी से अब तक 12,000 से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। एक अन्य वीडियो में कुछ बच्चे कोरोना वायरस से बचने का तरीके बताते नजर आए हैं। इस वीडियो को शेयर करते हुए पीएम ने कहा, 'बच्चों ने खेल-खेल में जो बता दिया, उसमें कोरोना महामारी से बचने की एक बड़ी सीख है।'
पीएम मोदी ने 24 मार्च को दिए गए राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में सोशल डिस्टेंसिंग पर जोर दिया था। देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से अपने घरों से बाहर न निकलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कड़ाई से करने की अपील की। पीएम ने कहा कि लोगों ने अपने घरों की 'लक्ष्मण' रेखा यदि लांघी तो वे खुद को और अपने परिवार को एक बड़ी मुसीबत में डाल लेंगे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों को जरूरी वस्तुओं एवं सेवाओं की कमी नहीं होने दी जाएगी।
लोग भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जुटें और एक-दूसरे क संपर्क में न आएं। इसे सुनिश्चित करने के लिए 25 मार्च से पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन लागू हुआ। लॉकडाउन की अवधि 14 अप्रैल को समाप्त होने से पहले पीएम ने एक बार फिर देश को संबोधित किया और यह अवधि तीन मई तक के लिए बढ़ा दी। स्वास्थ्य मंत्रालय कोविड-19 का प्रकोप कम करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। उसने टेस्टिंग बढ़ा दी है। टेस्टिंग ज्यादा होने से कोविड-19 के केस भी ज्यादा आए हैं। अच्छी बात है कि कुछ राज्यों में नए केस आना बंद हो गए हैं जिसे एक अच्छा संकेत माना जा रहा है।