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13 दिसंबर को PM मोदी करेंगे काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण, शिव की नगरी का कायाकल्‍प देखेगी दुनिया

Updated Nov 18, 2021 | 17:43 IST

Kashi Vishwanath Corridor : जानकारी के मुताबिक कॉरिडोर के लोकार्पण के अवसर पर विशेष कार्यक्रम बनारस में एक माह तक चलेगा। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बनारस आएंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 60 प्राचीन मंदिर संरक्षित हैं।
मुख्य बातें
  • पीएम मोदी ने 2019 में इस कॉरिडोर का शिलान्यास किया था
  • लोकार्पण के मौके पर विशेष कार्यक्रम बनारस में एक माह तक चलेंगे
  • काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर में 60 प्राचीन मंदिर संरक्षित रखे गए हैं

वाराणसी : काशी नगरी का महत्‍व पुरातन काल से है और बाबा विश्‍वनाथ की यह नगरी काफी दुनियाभर में विख्‍यात है। नरेंद्र मोदी जब गुजरात से केंद्र की राजनीति में आए तो उन्‍होंने संसदीय क्षेत्र के रूप में इसी जगह को चुना। यही वजह है कि पहले इस नगरी का विकास पीएम मोदी और अब सीएम योगी आदित्‍यनाथ की प्राथमिकता में शामिल है। वैसे तो काशी नगरी में 18 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाएं का लोकार्पण और शिलान्यास पिछले छह वर्षों में हुआ है लेकिन काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर इन परियोजनाओं में सबसे अहम है। 

बनारस में एक माह तक होंगे विशेष कार्यक्रम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 दिसंबर को अपने लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। जानकारी के मुताबिक कॉरिडोर के लोकार्पण के अवसर पर विशेष कार्यक्रम बनारस में एक माह तक चलेंगे। भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बनारस आएंगे। इतना ही नहीं इस दौरान भाजपा के मेयर और जिला पंचायत अध्यक्षों के सम्मेलन और साधु संतों और धर्माचार्यो के सम्मेलन आयोजित होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विकास के कामों की गति और गुणवत्ता जानने के लिए रात में ग्राउंड जीरो पर जा चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार श्री काशी विश्वनाथ धाम के निर्माण कार्य के प्रगति की स्थलीय निरीक्षण कर चुके हैं।

2019 में पीएम ने किया था इस कॉरिडोर का शिलान्यास

पीएम मोदी ने 2019 में इस कॉरिडोर का शिलान्यास किया था। 400 मीटर लंबे इस कॉरिडोर का निर्माण करीब 600 करोड़ रुपये से हुआ है। काशी विश्वनाथ मंदिर के क्षेत्र समेत कुल 39 हजार वर्ग मीटर क्षेत्र में कॉरिडोर का निर्माण हुआ है। यह कॉरिडोर गंगा नदी के ललिता घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर से सीधे जुड़ा है। खास बात ये है कि इस कॉरिडोर से बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन के लिए घंटों लाइन नहीं लगानी होगी। कुछ ही मिनटों में भक्‍त अपने बाबा के दर्शन कर पाएंगे।

कॉरिडोर में 60 प्राचीन मंदिर संरक्षित हैं

काशी विश्‍वनाथ कॉरिडोर में 60 प्राचीन मंदिर संरक्षित रखे गए हैं। इसके निर्माण के लिए 360 भवन हटाए गए हैं। इसमें मंदिर के चारों तरफ एक परिक्रमा मार्ग, गंगा घाट से मंदिर में प्रवेश करने पर बड़ा गेट, मंदिर चौक, 24 बिल्डिंग जिनमें गेस्ट हाउस, 3 यात्री सुविधा केन्द, पर्यटक सुविधा केन्द्र, स्टॉल, पुजारियों के रहने के लिए आवास, आश्रम, वैदिक केन्द्र, सिटी म्यूज़ियम, वाराणसी गैलरी, मुमुक्ष भवन बनाया जा रहा है। इन कॉरिडोर का निर्माण लाल पत्‍थर से हो रहा है। श्रद्धालु गंगा स्‍नान के बाद कॉरिडोर से सीधे मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट और जलासेन घाट से काशी विश्‍वनाथ मंदिर पहुंच सकेंगे।

सकरी गलियों से मिलेगी भक्‍तों को मुक्ति

पत्थरों को तराश कर इतनी शानदार नक्काशी उकेरी गई है, जो अपने आप में अद्भुत है। इसमें तीस मंदिर ऐसे हैं, जिनका जिक्र तो स्कंद पुराण के काशी खंड में मिलता है। इस कॉरिडोर के बनने के बाद काशी विश्‍वनाथ मंदिर की सूरत पूरी तरह बदल जाएगी। वहीं मंद‍िर की सुरक्षा भी एयरपोर्ट जैसी होगी। कॉरिडोर बन जाने पर श्रद्धालुओं को संकरी गलियों से विश्‍वनाथ मंदिर तक पहुंचने से मुक्ति मिल जाएगी।

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