- पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होगा भूमिपूजन
- प्रधानमंत्री मोदी करेंगे भूमि पूजन, पीएम की अयोध्या यात्रा पर सहमति बनी
- राम मंदिर के मॉडल में बड़ा बदलाव नहीं होगा, कुछ तब्दीलियां हो सकती हैं
नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का काम पांच अगस्त को होगा। इस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में होंगे और राम मंदिर के लिए भूमि पूजन करेंगे। इसके साथ ही भव्य राम मंदिर के निर्माण का आगाज हो जाएगा। भूमि पूजन के लिए पीएम के अयोध्या जाने के बारे में अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि प्रधानमंत्री के इस दौरे को सैद्धांतिक सहमति बन गई है। बताया जा रहा है कि भूमि पूजन का समय पांच अगस्त को दोपहर 12 बजकर15 मिनट तय किया गया है। अभिजीत मुहूर्त में भी भगवान राम का जन्म हुआ था। इसे देखते हुए भूमि पूजन भी इसी मुहूर्त में करने का फैसला हुआ है। बताया जा रहा है कि राम मंदिर के मॉडल में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा लेकिन इसमें कुछ तब्दीलियां हो सकती हैं। पिछले साल पांच अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म हुआ।
ट्रस्ट ने दो तिथियों की पेशकश की थी
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक संत समाज चाहता है कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के पुरोधा भगवान राम के मंदिर का निर्माण कार्य की शुरुआत भी ऐसे शख्स के हाथों हो, जो सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का प्रखर नायक हो। ऐसे में पीएम मोदी से उपयुक्त व्यक्ति और कोई नहीं हो सकता जो राम मंदिर निर्माण कार्य का शंखनाद करे। इसे देखते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में भूमि पूजन के लिए दो तिथियों तीन और पांच अगस्त को सहमति बनी। ये तिथियां पीएमओ को भेजी गईं जिसके बाद समझा जाता है कि पीएम के पांच अगस्त के कार्यक्रम पर सैद्धांतिक सहमति बन गई है।
40 किलो की चांदी की ईंट रखेंगे पीएम
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृ्त्यगोपाल दास का कहना है कि प्रधानमंत्री गर्भगृह में 40 किलो की चांदी की ईंट से मंदिर की नीव रखेंगे। नीव में पांच ईटें रखी जाएंगी जो पांच नक्षत्रों की प्रतीक होंगी। बताया जा रहा है कि ट्रस्ट इस समारोह के लिए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सहित संत, धर्माचार्यों, विहिप एवं संघ के लोगों को न्योता भेजेगा। समारोह की तैयारी शुरू कर दी गई है।
धन संग्रह का अभियान चलाएगा ट्रस्ट
बताया जा रहा है कि राम मंदिर निर्माण के लिए न्यास धन संग्रह अभियान चलाएगा। न्यास की बैठक में 10 करोड़ परिवारों से दान लेने पर सहमति बनी है। सूत्रों का कहना है कि मंदिर के प्रस्तावित स्वरूप को देखते हुए इसके निर्माण पर करीब 300 करोड़ रुपए का खर्च आ सकता है। सूत्रों का कहना है कि मंदिर परिसर में करीब 40 एकड़ में रामकथा कुंज बनाने की योजना है। यहां भगवान राम से जीवन से जुड़ी हुईं 125 मूर्तियां लगाई जाएंगी। राम मंदिर के भूमि पूजन का कार्य पीएम मोदी के हाथों संपन्न होने की सूचना पाकर अयोध्या में उत्साह का माहौल है। सभी लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
पांच अगस्त का दिन खास है
भारत सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का ऐतिहासिक फैसला किया। भारत सरकार ने इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया। सरकार ने कहा कि यह अनुच्छेद राज्य के विकास में बाधक था और इससे घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा मिलता था।