- मुख्यमंत्रियों के साथ आगामी 27 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ेंगे पीएम मोदी
- बैठक में देश में कोविड-19 की स्थिति और लॉकडाउन पर हो सकती है बातचीत
- देश में तीन मई तक लागू है लॉकडाउन, कोरोना मरीजों की संख्या 20 हजार के पार हुई
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 27 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए एक बार फिर मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। समझा जाता है कि इस बैठक में कोविड-19 की स्थिति और लॉकडाउन के बारे में समीक्षा की जाएगी। कोविड-19 का प्रकोप फैलने के बाद पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ इस तरह की यह तीसरी बैठक होगी। देश में कोरोना वायरस की संख्या में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर तीन मई तक कर दी गई है। जबकि तेलंगाना ने अपने यहां इस तालाबंदी को सात मई तक बढ़ाने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री मोदी कोरोना वायरस के फैलाव पर करीबी नजर बनाए हुए हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए वह अपने ट्वटिर हैंडल पर लगातार लोगों को जागरूक करते आए हैं। मुख्यमंत्रियों के साथ अपनी पिछली बैठक में पीएम ने कहा कि वह इस संकट पर बातचीत करने के लिए हमेशा उपलब्ध रहेंगे। लॉकडाउन के दौरान सहयोग करने के लिए पीएम ने लोगों का आभार भी जताया।
इससे पहले देश के नाम अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि कोविड-19 के खतरे को भारत समय रहते पहचान गया और इसके रोकथाम के लिए सही समय पर उचित एवं प्रभावी कदम उठाए। उन्होंने कहा कि हवाईअड्डों पर यात्रियों की स्क्रीनिंग उस समय शुरू कर दी गई जब देश में कोविड-19 का एक भी केस नहीं था। कोविड-19 के खिलाफ अभियान में शामिल कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करते हुए पीएम ने कहा कि उनकी इस सेवा के लिए देश हमेशा आभारी रहेगा जो अपना जीवन खतरे में डालकर दूसरे लोगों को जीवनदान दे रहे हैं।
पीएम ने कहा कि विकसित देशों के मुकाबले भारत बेहतर स्थिति में है। इन विकसित देशों ने कोविड-19 का फैलाव रोकने के लिए समय पर कदम नहीं उठाए और इसके चलते उन्हें सामने चुनौती ज्यादा बड़ी हो गई है। प्रधानमंत्री ने कोविड-19 से निपटने में देशवासियों की जागरूकता की सराहना भी की। उन्होंने कहा- आज पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी की जो स्थिति है, आप उसे भली-भांति जानते हैं। अन्य देशों के मुकाबले, भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए, आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी।'