- बिडेन के साथ कैसी होगी पीएम मोदी की कैमिस्ट्री
- पहले बराक ओबामा और फिर डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की खूब जमी
- बिडेन भारत के साथ अच्छे संबंधों के पक्षधर रहे हैं
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन ने रिपब्लिकन पार्टी के अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप को कड़े मुकाबले में हरा दिया हैं। 77 साल के पूर्व उपराष्ट्रपति बिडेन अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति होंगे। अब ऐसे में सवाल है कि बिडेन का भारत के साथ -साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कैसी कैमिस्ट्री होगी। मोदी 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनते हैं और उसके बाद उनका अमेरिका के 2 राष्ट्रपतियों से सामना होता है। बिडेन तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति होंगे जिनसे पीएम मोदी को आधिकारिक तौर पर संबंध स्थापित करने होंगे।
बराक ओबाम और ट्रंप के साथ रही अच्छी कैमिस्ट्री
बिडेन से पहले पीएम मोदी का अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में बराक ओबामा और फिर डोनाल्ड ट्रंप से मिलना-जुलना रहा है। बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की कैमिस्ट्री खूब जमी है। दोनों के साथ मोदी की खूब मुलाकात हुई हैं। कई मौकों पर पीएम मोदी के दोनों के साथ गहरे संबंध दिखाई दिए हैं। दोनों के कार्यकाल के दौरान पीएम मोदी अमेरिका गए हैं और दोनों भारत भी आए हैं। इस दौरान दोनों के साथ हुईं मुलाकतों से दिखा है कि पीएम मोदी के बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ कैमिस्ट्री अच्छी है।
बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप ने कई मौकों पर भारत के साथ-साथ पीएम मोदी की जमकर तारीफ की है। दोनों ने पीएम मोदी को अच्छा और शानदार नेता बताया है। पीएम मोदी ने भी कई मौकों पर कहा कि उनके बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप के साथ अच्छे और गहरे संबंध हैं। दोनों के साथ मोदी ने आधिकारिक संबंधों के अलावा निजी दोस्ती भी बनाई। 2014 में मोदी जब पीएम बने तो पहले उनकी ओबामा के साथ खूब जमी और 2016 में जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बने तो उनके साथ भी कैमिस्ट्री अच्छी रही।
भारत के साथ अच्छे संबंधों के पक्षधर बिडेन
बिडेन उसी दल से आते हैं, जिससे ओबामा थे। ऐसे में बिडेन की भी कोशिश भी रहेगी कि मोदी और भारत के साथ संबंधों को उसी तरह से आगे बढ़ाया जाए, जैसा ओबामा कर रहे थे। ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति के रूप में बिडेन का आठ वर्षों के दौरान मजबूत भारत-अमेरिका संबंधों की वकालत करने एक मजबूत रिकॉर्ड है। रिपब्लिकन प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के पारित होने और द्विपक्षीय व्यापार में 500 अरब अमरीकी डालर का लक्ष्य निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से लेकर बिडेन के भारतीय नेतृत्व के साथ मजबूत संबंध हैं और उनके करीबियों में बड़ी संख्या में भारतीय मूल के अमेरिकी हैं। बिडेन ने गत जुलाई में एक फंडरेजर में कहा था कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं।
बिडेन की भारत को लेकर अच्छी सोच
ट्रंप राष्ट्रपति के तौर पर अपने कार्यकाल में व्हाइट हाउस में भारत के सबसे अच्छे दोस्त के रूप में उभरे और इस संबंध को एक नए स्तर पर ले गए। बिडेन के भारत के प्रति नजरिए और उनके बयानों को देखें तो वह भारत के साथ मजबूत रिश्ते और संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की बात कह चुके हैं। साल 2006 में जब वह सीनेटर हुआ करते थे तब उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि 2020 में भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देश होंगे और ऐसा यदि होता है तो दुनिया सुरक्षित रहेगी। इस आधार पर कहा जा सकता है कि पीएम मोदी के साथ उनकी कैमिस्ट्री अच्छी रह सकती है। हालांकि भविष्य में जब दोनों नेताओं की मुलाकात होगी तो ये बात और स्पष्ट रूप से सामने आ पाएगी।