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पीएम मोदी ने किया 7500वें जनऔषधि केंद्र का लोकार्पण, बोले- 'मोदी की दुकान' से 2.5 रुपए में खरीदें सैनिटरी पैड

Updated Mar 07, 2021 | 16:57 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को शिलॉन्ग के पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थान में 7,500वां जनऔषधि केंद्र समर्पित किया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर पूर्वी इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य और चिकित्सा विज्ञान संस्थान (NEIGRIHMS) शिलांग में 7500वें जनऔषधि केंद्र को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समर्पित किया। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधी परियोजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'दवाएं महंगी हैं, इसीलिए हमारे पास गरीबों के लिए पीएम जनऔषधि योजना है जो उनके पैसे बचाती है। मैं लोगों से 'मोदी की दुकान' (जैसा लोग इसे कहना पसंद करते हैं) से सस्ती कीमत पर दवाएं खरीदने का आग्रह करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि जनऔषधि योजना के तहत महिलाओं के लिए 2.5 रुपए में सैनिटरी पैड उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा, 'गरीबों और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए देश भर में पीएम जनऔषधी परियोजना चलाई जा रही है। यह योजना 'सेवा और रोजगार' का एक माध्यम है क्योंकि यह युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। इस योजना के तहत, 2.5 रुपए में महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड उपलब्ध है। देश के जनऔषधि केंद्रों पर 75 आयुष दवाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।'

योजना सेवा और रोजगार का माध्यम

मोदी ने कहा, 'जनऔषधि योजना को देश के कोने-कोने में चलाने वाले और इसके कुछ लाभार्थियों से मेरी जो चर्चा हुई है, उससे स्पष्ट है कि ये योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ा साथी बन रही है। ये योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है। आज जब 7500वें केंद्र का लोकार्पण किया गया है तो वो शिलॉन्ग में हुआ है। इससे स्पष्ट है कि नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।'

जन औषधि सप्ताह मनाया जा रहा

प्रधानमंत्री ने कहा कि 7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं। 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं। यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना का उद्देश्य सस्ते दाम पर अच्छी दवाइयां उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों पर दवाएं बाजार मूल्य से 50 से 90 प्रतिशत सस्ती मिलती हैं। जनऔषधि के बारे में जागरूकता के प्रसार के लिए एक से सात मार्च तक देशभर में जन औषधि सप्ताह मनाया जा रहा है। इसका विषय जन औषधि-सेवा भी, रोजगार भी रखा गया है।

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