- प्रधानमंत्री रविवार को जी-7 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन में भाग लेंगे और दो सत्रों में बोलेंगे।
- सम्मेलन के पहले दिन एक पृ्थ्वी, एक स्वास्थ्य का दिया नारा
- फ्रांस और जर्मनी ने टीकों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति पर दिया बल
पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को G7 की मीटिंग (PM Narendra Modi G7 meeting) को संबोधित किया जिसमें उन्होंने एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य का मंत्र दिया। खास बात यह थी कि उनके इस मंत्र को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने खासतौर पर जिक्र किया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के पीएम ने ट्रिप्स में छूट के बारे में पीएम मोदी की बात को सराहा और अपना समर्थन देने का वादा भी किया। जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि कोरोना काल में वैक्सीन की निर्बाध उत्पादन के लिए कच्चे माल की आपूर्ति पर जोर दिया ताकि दुनिया का कोई भी देश वैक्सीन की कमी का सामना ना कर सके।
कोरोना के खिलाफ सबको आगे आने होगा
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत मजबूती के साथ दुनिया के दूसरे मुल्कों के साथ खड़ा है। आज महामारी के इस दौर में हमें आपसी मतभेदों को भूलाकर आगे आना ही होगा। 'बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर - हेल्थ' शीर्षक वाला सत्र, कोरोनावायरस महामारी से वैश्विक पुनर्प्राप्ति और भविष्य की महामारियों के खिलाफ लचीलापन को मजबूत करने पर केंद्रित था।सत्र के दौरान, प्रधान मंत्री ने भारत में COVID संक्रमण की हालिया लहर के दौरान G7 और अन्य अतिथि देशों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की।
महामारी के खिलाफ समग्र नजरिया जरूरी
महामारी से लड़ने के लिए भारत के 'समग्र समाज' के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला, सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के सभी स्तरों के प्रयासों का तालमेल बिठाया।उन्होंने संपर्क ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में भी बताया, और अन्य विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया।
TRIPS मेंं छूट पर दिया बल
प्रधान मंत्री ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने COVID संबंधित प्रौद्योगिकियों पर TRIPS छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा WTO में प्रस्तावित प्रस्ताव के लिए G7 का समर्थन मांगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बैठक से पूरी दुनिया के लिए "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य" का संदेश जाना चाहिए। भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान करते हुए, प्रधान मंत्री ने इस संबंध में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया।