- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में राजघाट के पास 'राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र' का उद्घाटन किया
- इस दौरान उन्होंने कहा कि 60 महीने में करीब 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़े
- कोरोना संक्रमण का जिक्र करते हुए खुले में शौच की स्थिति को लेकर उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर भी हमला बोला
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां राजघाट के पास 'राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र' का उद्घाटन किया। इसकी घोषणा 10 अप्रैल, 2017 को गांधीजी के चम्पारण 'सत्याग्रह' के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी। अब तीन साल बाद इसका उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज दिन बहुत ऐतिहासिक है, जब 1942 में महात्मा गांधी की अगुवाई में आजादी के लिए विराट जनांदोलन शुरू हुआ था और 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' का नारा लगा था। उन्होंने इस केंद्र को स्वच्छता के प्रति बापू के विशेष आग्रह को देशवासियों की श्रद्धांजलि व कार्यांजलि बताया।
'स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे गांधी'
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महात्मा गांधी स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे। स्वराज के सपने को पूरा करने का एक मार्ग वह स्वच्छता को भी मानते थे। मौजूदा परिप्रेक्ष्य में भी गांधी जी के विचारों की प्रासंगिकता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज के विश्व के लिए गांधी जी से बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती। आज पूरी दुनिया उनके जीवन और दर्शन को अपनाने के लिए आगे आ रही है। बीते वर्ष पूरी दुनिया में जिस तरह से गांधी जी की 150वीं जयंती मनाई गई, वह अभूतपूर्व था। उनकी स्वीकार्यता और लोकप्रियता देशकाल और परिस्थिति से परे है।
'बापू ने स्वच्छता को आंदोलन का माध्यम बनाया'
पीएम मोदी ने कहाा, 'गांधी जी कहते थे कि स्वराज सिर्फ साहसी और स्वच्छ जन ही ला सकते हैं। स्वच्छता और स्वराज के बीच के रिश्ते को लेकर गांधी जी इसलिए आश्वस्त थे क्योंकि उन्हें विश्वास था कि गंदगी अगर सबसे ज्यादा नुकसान किसी का करती है, तो वो गरीब है। जब तक जनता में आत्मविश्वास पैदा नहीं होता, तबतक वो आजादी के लिए खड़ी कैसे हो सकती था? इसलिए दक्षिण अफ्रीका से लेकर चंपारण और साबरमती आश्रम तक, उन्होंने स्वच्छता को ही अपने आंदोलन का बड़ा माध्यम बनाया।'
'गंदगी भारत छोड़ो' का संकल्प दोहराने की अपील
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है, जिसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीब के जीवन पर दिख रहा है। उन्होंने कहा, 'देश को कमजोर बनाने वाली बुराइयां भारत छोड़ें, इससे अच्छा और क्या होगा। इसी सोच के साथ बीते 6 साल से देश में एक व्यापक भारत छोड़ो अभियान चल रहा है। गरीबी- भारत छोड़ो! खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो! पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो।' पीएम मोदी ने इस दौरान देशवासियों से 'गंदगी भारत छोड़ो' का संकल्प दोहराने की अपील भी की।
'60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़े'
अपने कार्यकाल में स्वच्छ भारत अभियान के तहत देशभर में निर्मित शौचालयों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 60 महीने में करीब 60 करोड़ भारतीय शौचालय की सुविधा से जुड़े। इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण का भी जिक्र किया और खुले में शौच की स्थिति को लेकर पूर्ववर्ती सरकार पर भी हमला बोला। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश में बच्चा-बच्चा स्वच्छता को लेकर जागरूक है। निजी व सामाजिक हर तरह की स्वच्छता को लेकर लोगों में चेतना पैदा हुई है, जिसका लाभ कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में मिल रहा है।
'कोरोना महामारी 2014 से पहले आती तो क्या होता?'
पीएम मोदी ने कहा, 'कल्पना कीजिये अगर कोरोना जैसी महामारी 2014 से पहले आती तो क्या स्थिति होती, जब भारत की 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर थी? क्या तब लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाएं संभव हो पातीं? स्वच्छता को लेकर जागरूकता ने हमें कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ा सहारा दिया है।' उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्वच्छता का अभियान एक सफर है, जो निरंतर चलता रहेगा।