नई दिल्ली : आगामी कुछ महीनों में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी फिजा को देखते हुए सभी पार्टियां अपने सियासी अभियानों में जुट गई हैं। पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में बीजेपी भी चुनावी प्रचार को धार देने में जुटी है। इन्हीं तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के नेताओं से मुलाकात की है। इसमें उन्होंने कृषि कानूनों से लेकर आत्मनिर्भर भारत जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ पीएम मोदी की यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जबकि पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसी समय किसानों का आंदोलन भी जारी है, जो केंद्र सरकार की ओर से बीते साल लाए गए तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली से सटी सीमा पर बीते करीब तीन महीने से धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।
किसान आंदोलन के बीच विधानसभा चुनाव
किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए समझा जा रहा है कि राज्य विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेताओं को इससे संबंधित सवालों का सामना करना पड़ सकता है। प्रधानमंत्री पहले ही अपने नेताओं व मंत्रियों को स्पष्ट कर चुके हैं कि वे कृषि कानूनों की बेहतरी के बारे में किसानों को बताएं। सरकार का कहना है कि कृषि कानून किसानों के हित में हैं और इसके लागू हो जाने के बाद उन्हें आर्थिक तौर पर फायदा होगा।
किसान हालांकि सरकार की इस दलील को मानने के लिए तैयार नहीं हैं और वे कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। इन सबके बीच एनडीएमसी कनवेंशन सेंटर में रविवार को आयोजित बीजेपी पदाधिकारियों की इस बैठक और प्रधानमंत्री से उनकी हर मसले पर बातचीत को काफी अहम माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसमें प्रधानमंत्री ने हर मसले पर बीजेपी के नेताओं की बात सुनी और उन्हें कई दिशा-निर्देश भी दिए।
बीजेपी महासचिव अरुण सिंह ने बताया, 'प्रधानमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया और उन्हें निर्देश दिए। इसमें राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों, आत्मनिर्भर भारत अभियान और कृषि कानूनों को लेकर भी चर्चा हुई। विभिन्न राज्यों के नेताओं और वहां होने वाले पार्टी के आगामी कार्यक्रमों पर भी चर्चा होनी है।' उन्होंने यह भी बताया कि बैठक के बाद एक प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा।