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भारत बनेगा ज्ञान का 'सुपरपावर', नई शिक्षा नीति पर आज देश को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

Updated Aug 07, 2020 | 00:29 IST

PM Narendra Modi address: केंद्र सरकार ने हाल ही में नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की है। इसके तहत 'उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों' पर आयोजित एक सम्‍मेलन को आज प्रधानमंत्री संबोधित करेंगे।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
भारत बनेगा ज्ञान का 'सुपरपावर', नई शिक्षा नीति पर आज देश को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
मुख्य बातें
  • केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की है
  • इसके तहत स्‍कूल व उच्‍च शिक्षा में भी कई सुधारों की घोषणा की गई है
  • पीएम मोदी 'उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों' पर आयोजित सम्‍मेलन को संबोधित करेंगे

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 'उच्च शिक्षा में रूपांतरकारी सुधारों' पर आयोजित एक सम्‍मेलन में उद्घाटन भाषण देंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि इस सम्‍मेलन का आयोजन मानव संसाधन विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा किया जा रहा है।

भारत बनेगा ज्ञान का 'सुपरपावर'

सम्‍मेलन के दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत कवर किए गए शिक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि समग्र, बहु-विषयक एवं भविष्य की शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान, और शिक्षा में बेहतर पहुंच के लिए प्रौद्योगिकी के समान उपयोग पर विशेष सत्र आयोजित किए जाएंगे। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने इस सप्ताह की शुरुआत में नई शिक्षा नीति-2020 की घोषणा कर देश की 34 साल पुरानी, 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया। नई नीति का लक्ष्य भारत के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणाली में इस तरह के सुधार करना है कि देश दुनिया में ज्ञान की 'सुपरपावर' कहलाए।

शिक्षा नीति के तहत पांचवीं कक्षा तक के बच्चों की पढ़ाई उनकी मातृ भाषा या क्षेत्रीय भाषा में होगी, बोर्ड परीक्षाओं के महत्व को इसमें कुछ कम किया गया है, विधि और मेडिकल कॉलेजों के अलावा अन्य सभी विषयों की उच्च शिक्षा के एक एकल नियामक का प्रावधान है, साथ ही विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए समान प्रवेश परीक्षा की बात कही गई है।

लागू होगा नया ढांचा

पुरानी नीति के 10+2 (दसवीं कक्षा तक, फिर बारहवीं कक्षा तक) के ढांचे में बदलाव करते हुए नई नीति में 5+3+3+4 का ढांचा लागू किया गया है। इसके लिए आयु सीमा क्रमश: 3-8 साल, 8-11 साल, 11-14 साल और 14-18 साल तय की गई है। एम.फिल खत्म कर दिया गया है और निजी तथा सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए समान नियम बनाए गए हैं।

बयान में कहा गया, 'केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल और केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे। कई गणमान्य व्यक्ति राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर अपने-अपने विचार प्रस्‍तुत करेंगे जिनमें मसौदा एनईपी के लिए गठित समिति के अध्यक्ष और सदस्य के साथ-साथ प्रख्यात शिक्षाविद व वैज्ञानिक भी शामिल हैं।' इसमें कहा गया, 'विश्वविद्यालयों के कुलपति, संस्थानों के निदेशक और कॉलेजों के प्रधानाचार्य एवं अन्य हितधारक इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।'

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