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लू और मानसून पर PM मोदी आज करेंगे बैठक, हो सकते हैं कई अहम फैसले

Updated May 05, 2022 | 12:52 IST

PM Narendra Modi Meeting on Heat Waves and Monsoon: देश में इस समय पश्चिमी, उत्तर और पूर्वी भारत में खास तौर से तापमान 45-47 डिग्री तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज अहम बैठक
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, बिहार, हरियाणा , पंजाब आदि राज्यों में तापमान 45-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज की बैठक में मानसून की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे।
  • भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के पूर्वानुमान में उसके 'सामान्‍य' रहने की बात कही है।

PM Narendra Modi Meeting: लू के बढ़ते प्रकोप और आगामी मानसून को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अहम बैठक करेंगे। इस बैठक में लू की मौजूदा स्थिति और आने वालों दिनों में मानसून की चाल को लेकर अहम समीक्षा प्रमुख अधिकारियों का साथ की जाएगी। देश में इस समय पश्चिमी, उत्तर और पूर्वी भारत में खास तौर से तापमान 45-47 डिग्री तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही उसका असर बिजली संकट के रुप में भी दिखा है। ऐसे में संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज की बैठक में इन पहलुओं पर भी चर्चा करें।

45-47 डिग्री तक पहुंचा तापमान

पिछले एक हफ्ते से देश के अधिकांश इलाकों में तापमान में सामान्य से कहीं ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।  और गर्मी ने 122 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, बिहार, हरियाणा , पंजाब आदि राज्यों में तापमान 45-47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इसका असर यह हुआ है कि भीषण गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ गई। और कोयले की आपूर्ति की समस्या आ गई। जिसकी वजह से कई इलाकों में लोगों को बिजली की कटौती का भी सामना करना पड़ा है। इस बीच लू के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य  मंत्रालय ने राज्य सरकारों को लू से बचाव के लिए जरूरी एहतियात बरतने, दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं। ऐसे में आज की बैठक में प्रधानमंत्री इन सब मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं।

मानसून पर भी नजर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज की बैठक में मानसून की स्थिति पर भी चर्चा करेंगे। सामान्य तौर पर जून के  महीने में मानसून केरल के तट पर टकराता है। और उसके बाद देश के दूसरे इलाकों में वह पहुंचता है। ऐसे में मानसून को लेकर क्या अनुमान है। इस साल कैसा मानसून रहेगा और उसके लेकर किन बातों का ध्यान रखना होगा। इन मुद्दों पर भी आज की बैठक में चर्चा हो सकती है।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दक्षिण पश्चिमी मॉनसून के पूर्वानुमान में  उसके 'सामान्‍य' रहने की बात कही है। जून से सितंबर के दौरान औसत औसत की तुलना में 99 फीसदी बारिश के आसार (+/- 5%) हैं । 

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