Chief Justice of India: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को बुधवार को भारत का 49वां प्रधान न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया। राष्ट्रपति ने उनके नियुक्ति आदेश पर हस्ताक्षर किए। वह 27 अगस्त को सीजेआई का पदभार ग्रहण करेंगे। निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण एक दिन पहले (26 अगस्त को) सेवानिवृत्त होंगे।न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल संक्षिप्त होगा। वह तीन माह से भी कम समय तक सीजेआई रहने के बाद आठ नवम्बर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे।
शीर्ष अदालत के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त होते हैं, जबकि देश के 25 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 साल है। कानून मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध-दो के प्रावधानों के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश उदय उमेश ललित को भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करती हैं। उनकी नियुक्ति 27 अगस्त, 2022 से प्रभावी होगी।'
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा के साथ न्याय विभाग के शीर्ष अधिकारियों ने न्यायमूर्ति ललित से मुलाकात की और उन्हें नियुक्ति आदेश सौंपा। न्यायमूर्ति ललित मुसलमानों में तीन तलाक की प्रथा को गैर-कानूनी और असंवैधानिक घोषित करने सहित विभिन्न ऐतिहासिक फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
उन्हें अगस्त, 2014 को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था
उन्हें 13 अगस्त, 2014 को शीर्ष अदालत का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।न्यायमूर्ति ललित ने दिल्ली में अपनी वकालत जनवरी 1986 में शुरू की थी और 2004 में उन्हें उच्चतम न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता नियुक्त किया गया था। उन्हें टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की सुनवाई में सीबीआई का पक्ष रखने के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।