नयी दिल्ली: उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को संयुक्त रूप से लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी को मिलाकर बनाए गए 'संसद टीवी' की शुरुआत की।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारतीय संसदीय व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ रहा है।उन्होंने कहा, 'आज देश को संसद टीवी के रूप में संचार और संवाद का एक ऐसा माध्यम मिल रहा है, जो देश के लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की नई आवाज के रूप में काम करेगा।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि तेजी से बदलते समय में मीडिया और टीवी चैनलों की भूमिका भी बहुत तेजी से बदल रही है तथा 21वीं सदी तो विशेष रूप से संचार और संवाद के जरिए क्रांति ला रही है।उन्होंने कहा, 'ऐसे में स्वाभाविक हो जाता है कि संसद से जुड़े चैनल भी इन आधुनिक व्यवस्थाओं के हिसाब से खुद को बदलें। मुझे खुशी है कि संसद टीवी के तौर पर आज एक नई शुरुआत हो रही है। अपने नए अवतार में यह सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी रहेगा। इसका अपना एक एप भी होगा।'
अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब लोकतंत्र की बात होती है तो भारत की जिम्मेदारी कहीं ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि भारत लोकतंत्र की जननी है।उन्होंने कहा, 'भारत के लिए लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं है बल्कि एक विचार है। भारत में लोकतंत्र सिर्फ संवैधानिक ढांचा ही नहीं है बल्कि एक भावना है। भारत में लोकतंत्र संविधान की धाराओं का संग्रह ही नहीं है, यह तो हमारी जीवनधारा है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के दिन संसद टीवी का लॉन्च होना अपने आप में बहुत प्रासंगिक हो जाता है।'
उल्लेखनीय है कि फरवरी, 2021 में लोकसभा टीवी एवं राज्यसभा टीवी के विलय का निर्णय लिया गया था और मार्च, 2021 में संसद टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) की नियुक्ति की गई।