- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि शहीद किसानों को आतंकी बताना सबसे बड़ा अपराध
- 26 जनवरी की हिंसा में ट्रैक्टर चालक नवरीत के घर का प्रियंका गांधी ने किया दौरा
- पिछले 71 दिन से आंदोलन पर हैं किसान, दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं।
नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले 71 दिन से दिल्ली की सीमा पर हैं। पिछले 71 दिन के आंदोलन में 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर जब हिंसा हुई तो उसके बाद तस्वीर बदल गई। किसान संगठन जो पहले अपने आंदोलन को सियासी शक्ल देने से बच रहे थे वो वर्जना टूट गई। 26 जनवरी की हिंसा में एक ट्रैक्टर चालक नवरीत की मौत हो गई जो तब और अब सुर्खियों में है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी नवरीत के घर रामपुर के बिलासरपुर इलाके में पहुंची और जो बयान दिया वो गौर करने लायक है।
नए कृषि कानून किसानों के खिलाफ अपराध
जिन तीन कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए, वे किसानों के खिलाफ अपराध हैं, लेकिन बड़ा अपराध शहीद आतंकवादियों को बुला रहा है और किसानों के विरोध को उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश के रूप में देख रहा है। मृतक के परिवार के सदस्य न्यायिक जांच चाहते हैं। हम किसानों और उनके परिवारों के साथ हैं। सरकार को इस आंदोलन को वास्तविक संघर्ष के रूप में पहचानना बाकी है। इसके पीछे कोई राजनीति नहीं है। यह हमारे किसानों का दर्द है।
सियासत के केंद्र में किसान आंदोलन
किसानों के आंदोलन पर अब सियासी दल खुलकर बोलने लगे हैं। संसद के कार्यवाही में भी विपक्ष किसानों और कृषि कानून के मुद्दे को जोरशोर से उठा रहा है। गुरुवार को राज्यसभा में आप सांसद संजय सिंह और राजद के एमपी मनोज झा ने शेरो शायरी के जरिए सरकार को चेताया। दोनों सांसदों ने कहा कि केंद्र सरकार को हठवादी रवैया छोड़कर किसानों से बातचीत के लिए आगे आना चाहिए।