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कोविड में प्रोफेशनल-बेरोजगारों की आत्महत्या के मामले बढ़े, महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा

Updated Nov 09, 2021 | 15:38 IST

Suicide In Covid-19 Period : साल 2020 में नौकरी पेशा, बेरोजगारों, दिहाड़ी कामगार और बिजनेस करने वालों ने सबसे ज्यादा आत्महत्याएं की हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
कोविड दौर में आत्महत्या के मामले बढ़े
मुख्य बातें
  • सालाना एक लाख से कम कमाई करने वालों में आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं।
  • सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में आत्महत्या के मामले हुए हैं।
  • साल 2019 और 2020 के दौरान नौकरी पेशा, बेरोजगारों और बिजनेसमैन में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं।

नई दिल्ली:  कोविड-19 के दौर में (साल 2020) में 1.53 लाख लोगों ने आत्महत्या कर ली। चौंकाने वाली बात यह है कि इस दौरान करीब 30 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो या तो नौकरी पेशा थे, या खुद का बिजनेस करते थे या फिर बेरोजगार थे। आंकड़ों से साफ है कि कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन और चौपट हुए बिजनेस ने  आर्थिक तंगी बढ़ाई थी। जिसका  शिकार कई लोगों को होना पड़ा है। अगर इन आंकड़ों में दिहाड़ी कमाई करने  वालों को शामिल कर लिया जाय तो कुल आत्महत्या करने वालों का आंकड़ा 54 फीसदी तक पहुंच जाता है। इस दौरान दिहाड़ी कमाई करने वालों की आंकड़ा 24 फीसदी रहा है।

2018 की तुलना में बढ़े आंकड़े

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Recod Bureau)के आंकड़ों के अनुसार 2018 में नौकरी पेशा, खुद का बिजनेस करने वाले और फिर बेरोजगार लोगों की आत्महत्या का प्रतिशत करीब 28 फीसदी था, जो कि 2019 और 2020 में बढ़कर 30 फीसदी से ज्यादा हो गया है। 2020 में 9.7 नौकरी पेशा, खुद का बिजनेस करने वाले 11.3 फीसदी और 10.2 फीसदी बेरोजगार लोगों ने आत्महत्या की है। जबकि 2018 में 8.9 नौकरी पेशा, खुद का बिजनेस करने वाले 9.8 फीसदी और 9.6 फीसदी बेरोजगार लोगों ने आत्महत्या की थी।

एक लाख से कम  इनकम वालों के ज्यादा मामले 

रिपोर्ट के अनुसार 2020 में 63.3 फीसदी यानी 96180 ऐसे लोगों ने आत्महत्या की है। जिनकी सालाना इनकम एक लाख रुपये से कम है। इसके अलावा 49,270 लोग ऐसे हैं जिनकी एक लाख से ज्यादा और 5 लाख तक की इनकम है। इसके अलावा आत्महत्या की वजहों को देखा जाय तो 2020 के दौरान सबसे ज्यादा 33.6 फीसदी लोगों ने पारिवारिक परेशानी की वजह से आत्महत्या की है। जबकि 3.4 फीसदी लोगों ने कर्ज या दिवालिया होने से आत्महत्या की है।

महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सबसे ज्यादा मामले

रिपोर्ट के अनुसार 2020 के दौरान महाराष्ट्र में 19,909  लोगों ने आत्महत्या की है। इसके बाद तमिलनाडु में 16,883, मध्य प्रदेश में 14578 लोग, पश्चिम बंगाल में 13,103 लोगों ने सबसे ज्यादा आत्महत्या की है। जबकि आत्महत्या दर के आधार पर देखा जाय तो सबसे ज्यादा अंडमान और निकोबार, सिक्किम, चंडीगढ़, पुडुचेरी और केरल में मामले हैं।

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