नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी को लेकर छात्रों का प्रदर्शन कई दिनों से लगातार चल रहा है। छात्रों ने बुधवार को फीस वृद्धि और होस्टल नियमावली की घोषणा के विरोध में जेएनयू के कन्वेंशन सेंटर के बाहर कुलपति एम जगदीश कुमार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उग्र छात्रों ने प्रस्तावित बदलावों के खिलाफ तख्तियों के साथ नारेबाजी की। तख्तियों में लिखा था 'विनाशकारी फीस वृद्धि को रोकें' और 'जेएनयूटीए ने नए होस्टल मैनुअल को खारिज कर दिया।'
छात्रों ने अपना तर्क देते हुए कहा कि वे कुलपति (वीसी) के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं लेकिन वह इस मामले पर बातचीत शुरू करने से बचते रहे हैं। जेएनयूएसयू के अध्यक्ष आइशी घोष ने एएनआई को बताया कि हम फीस वृद्धि और नए छात्रावास नियमावली के मुद्दे पर वीसी से चर्चा करना चाहते हैं। वह हमें जवाब नहीं दे रहे हैं और वह एक बार भी हमसे नहीं मिले हैं।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि फीस में बढ़ोतरी के लिए प्रशासन की ओर से बहुत खराब है। आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों के लिए अपनी शिक्षा पूरी करना मुश्किल होगा। यहां के लोग अलग-अलग आर्थिक पृष्ठभूमि से आए हैं। जेएनयू के छात्र फीस वृद्धि और नए हॉस्टल मैनुअल का विरोध कर रहे हैं, जिसमें 28 अक्टूबर से ड्रेस कोड और कर्फ्यू के समय के प्रावधान भी शामिल हैं। नियमावली कार्यकारी परिषद की बैठक में चर्चा होने के बाद, अगर मंजूरी मिली तो उसे लागू कर दिया जाएगा। छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान छात्रों और पुलिस के बीच झड़प का मामला भी सामने आया।
छात्रों को लगता है कि अगर होस्टल फीस में वृद्धि हुई तो इससे जेएनयू में पढ़ने का छात्रों का सपना टूट सकता है। जेएनयू में फीस वृद्धि को लेकर चल रहे छात्रों के प्रदर्शन ने सोमवार को जोर पकड़ लिया था, जिसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गई। इसके बाद मंगलवार को कई छात्राओं ने कहा कि अगर फीस वृद्धि हुई तो वे अपने घर वापस लौट जाएंगी।
एक छात्र का कहना है कि छात्रों को 2,500 रुपए छात्रावास शुल्क देना होता है। वृद्धि के बाद उन्हें 4,200 रुपए का भुगतान करना होगा क्योंकि इसमें 1,700 रुपए का सेवाशुल्क भी जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा बिजली, सफाई और पानी का शुल्क भी जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें यह भी पता चला है कि यूनिवर्सिटी अब से हर साल फीस में 10 प्रतिशत की वृद्धि करेगा। मेरे पिता बिहार में एक किसान हैं और मेरे दो छोटे भाई-बहन हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं। चूंकि मैं अपने पिता से पढ़ाई का पैसा नहीं लेता हूं, तभी वे अच्छे से पढ़ पा रहे हैं।'
छात्र ने कहा कि छात्रों को 5000 रुपए छात्रवृत्ति मिलती है लेकिन कई बार यह राशि मिलने में देर हो जाती है। उन्होंने कहा कि फिलहाल, हम छात्रवृत्ति राशि में से 2,500 रुपए का भुगतान छात्रावास शुल्क के रूप में करते हैं और बाकी राशि का उपयोग हमारे शोध कार्य और अन्य खर्चों के लिए किया जाता है। लेकिन फीस वृद्धि के बाद, हम नहीं जानते कि हम क्या करेंगे।