- शाहीन बाग की तर्ज पर जामिया इलाके में धरना देंगे प्रदर्शनकारी
- प्रदर्शनकारियों की मांग केंद्र सरकार जल्द से जल्द सीएए का फैसला वापस ले
- एनपीआर और एनआरसी पर मोदी सरकार रुख करे साफ
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पिछले एक महीने से शाहीन बाग में पालियों में धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी कहते हैं कि वो लंबे समय तक अपना विरोध इसी तरह दर्ज कराएंगे। उनका यह विरोध इस कानून को हटाने तक जारी रहेगा। यह बात दीगर है कि शाहीन बाग में धरने पर बैठे लोगों की वजह से आम लोगों को दिक्कत हो रही है। शाहीन बाग की तर्ज पर अह जामिया इलाके में भी सातों दिन 24 घंटे तक धरना देने का फैसला किया गया है।
बता दें कि मध्य दिल्ली के तुर्कमान गेट पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी सीएए के खिलाफ जुटे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने एनआरसी के खिलाफ भी नारेबाजी की। विरोध कर रहे लोगों का सरकार हमारी पहचान छिनने जा रही है, उनका कहना था कि सीएए और एनपीआर, एनआरसी की दिशा में महज एक कदम है। सरकार की असली मंशा है कि देश के मुस्लिम समाज को उनके घर से बेघर कर दिया जाए।
शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शन के संबंध में आम लोगों को हो रही दिक्कत के संबंध में एक वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार और पुलिस प्रशासन को आदेश दिया कि वो नियमों के दायरे में फैसला करे। अदालत के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से सड़क पर से हटने की अपील की थी। लेकिन धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि जब तक सरकार का कोई बड़ा नुमाइंदा नहीं आएगा वो वहां से नहीं हटेंगे।