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पंजाब कांग्रेस में तकरार! कैप्टन सरकार ने पूर्व PCC चीफ और राज्यसभा सांसद बाजवा की सुरक्षा ली वापस

Updated Aug 09, 2020 | 07:23 IST

कुछ दिन पहले अपनी ही कैप्टन सरकार के खिलाफ बयान दे रहे पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रताप सिंह बाजवा से राज्य पुलिस की सुरक्षा वापस ले ली गई है। 

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Punjab Captain govt withdraws police security to Congress MP Pratap Singh Bajwa
मुख्य बातें
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने सांसद प्रताप सिंह बाजवा से वापस ली पंजाब पुलिस की सुरक्षा
  • बाजवा और कैप्टन अमरिंदर सिंह के पहले भीही मतभेद की खबरें सामने आती रही हैं
  • बाजवा बोले- मैंने कैप्टन के कामकाज के तरीके की आलोचना की थी, इसलिए वापस ली गई सुरक्षा

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस में इन दिनों सब कुछ ठीक नहीं दिखाई दे रहा है। जहरीली शराब के मामले में 100 से अधिक लोगों की मौत के बाद कैप्टन सरकार पर विपक्ष ही नहीं बल्कि कांग्रेस के अपने लोग और सांसद भी कर रहे हैं। बीते दिनों कैप्टन सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर चुके पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा की सुरक्षा को राज्य सरकार ने अब वापस ले लिया है। बाजपा ने आरोप लगाया कि उनसे सुरक्षा इसलिए वापस ली गई है क्योंकि उन्होंने सीएम की अनुचित कार्यप्रणाली के खिलाफ सवाल उठाए थे और कैप्टन सरकार की विफलता को सामने रखा था।

मेरी सुरक्षा इसलिए ली वापस- बाजवा

पंजाब सरकार द्वारा राज्य पुलिस सुरक्षा वापस लेने के जवाब में, बाजवा ने कहा, 'मैंने पंजाब में प्रशासन की विफलता और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के अनुचित कामकाज के खिलाफ खुलकर बात की थी। जाहिर है, उन्होंने इसका जबाव अपने तरीके से देते हुए गलत तरीके से मेरी सुरक्षा वापस लेकर और मेरे पूरे परिवार को जोखिम में डाला है।' दरअसल पंजाब सरकार ने बाजवा को प्रदान की गई राज्य पुलिस सुरक्षा को एक मूल्यांकन के बाद इसे वापस लेने का फैसला किया है। समीक्षा के दौरान पता चला है कि उन पर वास्तव में कोई खतरा नहीं था और अब वह केंद्रीय गृह मंत्रालय से सीधे केंद्रीय सुरक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

पंजाब सरकार ने दी सफाई

राज्य सरकार के एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि बाजवा को प्रदान की गई राज्य पुलिस सुरक्षा तब से बेमानी हो गई थी क्योंकि उन्होंने सीधे गृह मंत्रालय से निजी सुरक्षा की हासिल की थी। प्रवक्ता के अनुसार, जो केंद्रीय सुरक्षा बाजवा को मिली थी, वह कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, 'वास्तव में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से खतरे को दूर करने के लिए परामर्श नहीं किया था, जो आमतौर पर किसी व्यक्ति को केंद्रीय सुरक्षा प्रदान करने से पहले किया जाता है।'

प्रवक्ता ने कहा, 'बाजवा, राज्यसभा सांसद के रूप में, केंद्रीय सुरक्षा के लिए, सदन में पार्टी के नेता गुलाम नबी आज़ाद से संपर्क कर सकते हैं, और जैसा कि नियम है कि इसे बाद में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अनुरोध भेजा जा सकता है। हालांकि, किसी कारण से गृह मंत्रालय ने इस मामले में राज्य सरकार के साथ बाजवा को मिली धमकी को लेकर कोई चर्चा नहीं करने का फैसला किया, जो इस तरह के मामलों में का स्पष्ट उल्लंघन था।'

बाजवा को केंद्र से मिली है जेड प्लस सुरक्षा
पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने कहा, 'बाजवा को 19 मार्च को गृह मंत्रालय द्वारा जेड श्रेणी सुरक्षा कवर दिया गया था जिसके तहत उन्हें दो एस्कॉर्ट ड्राइवरों के अलावा व्यक्तिगत सुरक्षा, घर की सुरक्षा और एस्कॉर्ट के लिए 25 सीआईएसएफ कर्मी मिले हैं। 23 मार्च तक उनके साथ 14 पंजाब पुलिस के जवानों भी तैनात थे। लेकिन कुछ कोविड ​​-19 की वजह से ड्यूटी के वापस ले लिया गया। उनके पास वर्तमान में 6 पंजाब पुलिस के जवान हैं और एक ड्राइवर के साथ एक एस्कॉर्ट है, जिसे अब वापस लिया जा रहा है।'

अपनी ही सरकार पर किया था हमला
आपको बता दें कि पंजाब में जहरीली शराब की वजह से 110 लोगों की मौत हो चुकी है जिसे लेकर कांग्रेस के दो सांसद, प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दुल्लो ने अपनी ही सरकार पर हमला किया था। शनिवार को बाजवा ने कहा था कि कि राज्य के मुख्यमंत्री ने खनन, शराब, केबल, ड्रग्स और परिवहन माफियाओं को खत्म करने का वादा किया था, जो उनके शासन में पनप रहे हैं।

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