- पंजाब कांग्रेस में कलह के बीच बैठकों का सिलसिला जारी है
- अब प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने कांग्रेस विधायकों, जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाई है
- सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान से हाईकमान भी असमंजस में है
चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बीच दिल्ली से लेकर पंजाब तक में बैठकों का दौर जारी है। कांग्रेस के करीब 30 विधायकों और अमरिंदर सिंह सरकार में शामिल कई मंत्रियों से नवजोत सिंह सिद्धू की मुलाकात के बाद अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने सोमवार को पार्टी विधायकों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है। राज्य इकाई में फेरबदल से पहले बुलाई गई इस बैठक पर सियासी नजरें टिकी हुई हैं।
जाखड़ की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया है कि कांग्रेस विधायकों और जिलाध्यक्षों की अपराह्न 3 बजे पंजाब कांग्रेस भवन में होने वाली बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया जाएगा कि पंजाब के संदर्भ में पार्टी नेतृत्व जो भी फैसला लेगा, वह पूरी राज्य इकाई को मंजूर होगा। इस प्रस्ताव को फिर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास भेजा जाएगा, जिसमें पार्टी नेतृत्व से पंजाब कांग्रेस को लेकर फैसला जल्द लेने की अपील की जाएगी।
असमंजस में आलाकमान!
पंजाब कांग्रेस के विधायकों और जिला अध्यक्षों की बैठक बुलाने को लेकर जाखड़ का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि पार्टी की राज्य इकाई में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई है। इसे लेकर पार्टी नेतृत्व क्या फैसला लेता है, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। हालांकि पार्टी नेतृत्व इस अहम मसले पर अभी तक असमंजस की स्थिति में नजर आ रहा है।
पंजाब कांग्रेस में संकट के बीच चर्चा नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की है तो जातिगत समीकरणों में संतुलन के लिए चार कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की बात भी सामने आ रही है। सिद्धू ने शनिवार को जाखड़ से उनके आवास पर मुलाकात की थी तो पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव हरीश रावत ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मोहाली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी।