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फिर डॉन मुख्तार अंसारी के बचाव में उतरी कांग्रेस! SC में हलफनामा देकर UP को सौंपने से किया इंकार

Updated Feb 05, 2021 | 10:14 IST

पंजाब सरकार ने राज्य की रूपनगर जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार को सौंपने से इनकार किया है। पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है।

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फिर मुख्तार अंसारी के बचाव में उतरी कांग्रेस! दिया हलफनामा
मुख्य बातें
  • यूपी में मुख्तार अंसारी के खिलाफ कई मामलों में सुनवाई चल रही है
  • मुख्तार अंसारी को यूपी सरकार को सौंपने से पंजाब सरकार ने किया इंकार
  • कुछ दिन पहले कृष्णानंद राय की विधायक पत्नी ने प्रियंका गांधी को भी लिखा था पत्र

नई दिल्ली: पंजाब सरकार ने एक बार फिर से रूपनगर जेल में बंद विधायक व माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इनकार किया है। मुख्तार अंसारी जनवरी 2019 से ही पंजाब की जेल में है और उस पर 14 अपराधिक मामले चल रहे हैं। यूपी सरकार लगातार मुख्तार अंसारी को सौंपने के लिए पंजाब सरकार से आग्रह कर रही है लेकिन बीमारी का हवाला देकर राज्य सरकार अंसारी को सौंपने से इनकार कर दे रही है। अब तो बकायदा पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा तक दे दिया है।

दिया हलफनामा

यूपी विधानसभा में मऊ से बहुजन समाज पार्टी के विधायक, 14 आपराधिक मामलों में मुकदमे के लिए राज्य में वांछित हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि अंसारी की अनुपस्थिति के कारण यूपी में उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे की कार्यवाही नहीं हो पा रही है। अब पंजाब की कांग्रेस सरकार ने मुख्तार की हिरासत देने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत में एक हलफनामा दायर किया है। पंजाब सरकार ने अंसारी के स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा कि वह कथित तौर पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, पीठ दर्द, त्वचा की एलर्जी और अवसाद से पीड़ित हैं। ताकि यूपी सरकार की याचिका को खारिज किया जा सके।

यूपी सरकार की याचिका खारिज करने का किया आग्रह

सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार की रिट याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए, अमरिंदर सिंह सरकार ने कहा है कि वह मेडिकल राय के अनुसार काम कर रही है और अंसारी को यूपी से दूर रखने के लिए कोई "पूर्व-निर्धारित साजिश" नहीं थी। रूपनगर जेल, जहां अंसारी वर्तमान में बंद है, वहां के जेल अधीक्षक के माध्यम से दायर हलफनामे में कहा गया है कि यूपी द्वारा रिट याचिका कानून में भी बनाए रखने योग्य नहीं थी क्योंकि राज्य पंजाब में अंसारी की नजरबंदी के आधार पर अपने मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का दावा नहीं कर सकता था।

बीमारी का दिया हवाला

पंजाब सरकार ने स्वीकार किया कि अंसारी यूपी में हत्या, जबरन वसूली और गैंगस्टर अधिनियम के तहत 14 आपराधिक मामलों के मुकदमे में वांछित है लेकिन बीमारी के कारण वह उसे सौंप नहीं सकती है।  पंजाब सरकार ने यह भी माना है कि अंसारी ने जबरन वसूली के मामले में जमानत के लिए आवेदन भी नहीं किया है और न ही पुलिस जनवरी 2019 में एफआईआर दर्ज होने के बाद कोई चार्जशीट दाखिल कर पाई है।

बीजेपी विधायक कांग्रेस पर बरसीं

 भारतीय जनता पार्टी के मोहम्मदाबाद (यूपी) के विधायक अलका राय ने पंजाब सरकार के इस कदम को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होने कांग्रेस पर मुख्तार को संरक्षण देने का आरोप लगाया। अलका राय मारे गए विधायक कृष्णानंद राय की पत्नी हैं, जिनकी 2005 में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अंसारी ही इस मामले का मुख्य आरोपी थी लेकिन बाद में वह बरी हो गया।

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