- पोस्टमार्टम के लिए शव भेजा गया अस्पताल
- 'दबा जिया गया इससे पहले वाला मामला', बोले छात्र
- पुलिस का दावा- हमने समझा दिया, शांति है
पंजाब में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University) के बाद एक और नामी यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन हुआ है। यह मामला लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (Lovely Professional University) का है, जहां एक युवक ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली।
आधी रात को छात्र के सुसाइड के बाद वहां तनाव का माहौल देखने को मिला। विवि में स्टूडेंट्स ने जोरदार हंगामा किया और विवि प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हालात बेकाबू न हों, इसलिए वहां बाद में पुलिस को भी बुलाया गया। घटना के बाद लाश पोस्टमार्टम के लिए सिविल हॉस्पिटल ले जाई गई।
हालांकि, पुलिस ने बताया कि फिलहाल कैंपस में माहौल शांत है और सभी स्टूडेंट्स को समझा-बुझा दिया गया है। सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जिस लड़के ने सुसाइड किया वह केरल का रहने वाला था।
मृतक की पहचान एस दिलीप कुमार के रूप में हुई है। वह बीकॉम का स्टूडेंट था। संदिग्ध अवस्था में उसने एस-चार बॉयज हॉस्टल में अपनी जान ले ली। वहां जब बाकी स्टूडेंट्स को इस बात की खबर हुई तो वे एकजुट हुए और विरोध करने लगे।
देर रात कैंपस में भारी संख्या में स्टूडेंट्स ने इस मसले को लेकर हो-हल्ला और हंगामा काटा। छात्रों का आरोप है कि पिछले 10 दिन में यह कैंपस में दूसरी आत्महत्या है, पर प्रशासन ने इस केस पर चुप्पी साध रखी है।
छात्रों ने कहा कि वे जानना चाहते हैं कि आखिरकार इन सुसाइड के मामलों के पीछे का कारण क्या है। आरोप है कि पिछले वाले मामले को बंद दरवाजे के पीछे ही दबा दिया गया, इसलिए वह सामने नहीं आ सका।
फगवाड़ा के डीएसपी जसप्रीत सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया- शाम 5:30 बजे एलपीयू से सूचना मिली कि फर्स्ट ईयर के एक स्टूडेंट ने आत्महत्या कर ली है। हम मौके पर पहुंचे, जहां हमें एक सुसाइड नोट मिला। मृतक उसमें आत्महत्या के पीछे कुछ निजी कारण बता गया है। फिलहाल आगे की कार्रवाई जारी है।
पुलिस के मुताबिक, सुसाइड उसने निजी कारणों से किया, जबकि जो सुसाइड नोट वायरल हो रहा है उसमें युवक ने दावा एक प्रोफेसर का नाम लेते हुए खुदकुशी की।
दरअसल, एलपीयू एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी है, जो कि फगवाड़ा में पड़ती है। साल 2005 में लवली इंटरनेशनल ट्रस्ट (Lovely International Trust) ने इसकी स्थापना The Lovely Professional University Act, 2005 के तहत की थी, जबकि साल 2006 से यह संचालन में आ गई थी।