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पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे पर मार्च से फर्राटा भरेंगे वाहन, क्षेत्र के विकास को लगेंगे पंख

Updated Jul 16, 2020 | 07:46 IST

पूर्वांचल को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे यूपी के विकास की रफ्तार को तेज करने में अहम भूमिका निभाएगा। 340 किमी लंबे इस एक्‍सप्रेस वे का 50% काम पूरा हो चुका है।

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Purvanchal Expressway
मुख्य बातें
  • 340 किलोमीटर लंबा यह एक्‍सप्रेस वे छह लेन का होगा
  • लगभग तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी यह दूरी
  • एक्‍सप्रेस वे की कुल लागत है 22,494 करोड़

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के संकल्‍प और प्रेरणा से उत्‍तर प्रदेश का नवनिर्माण हो रहा है और यह नए भारत के निर्माण में योगदान दे रहा है। योगी आदित्‍यनाथ के नेतृत्‍व में उत्‍तर प्रदेश विकास की नई रफ्तार पकड़ने को तैयार है। प्रदेश में निमार्णधीन पूर्वांचल एक्‍सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्‍सप्रेस-वे, बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे और गंगा एक्‍सप्रेस-वे प्रदेश के आर्थ‍िक और औद्योगिक विकास को पंख लगाने का काम करेंगे। 

लंबे समय से विकास की बाट जोह रहा पूर्वांचल अब मुख्‍यधारा में शामिल हो चुका है। पूर्वांचल को प्रदेश की राजधानी से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे विकास की रफ्तार को तेज करने में अहम भूमिका निभाएगा। उत्‍तर प्रदेश औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) की देखरेख में इस एक्‍सप्रेस वे का निर्माण कार्य युद्धस्‍तर पर किया जा रहा है। गाजीपुर के हैदरिया गांव से शुरू होने वाला यह एक्‍सप्रेस लखनऊ में चांद सराय गांव पर जाकर खत्‍म होगा। 

3 घंटे में पूरी होगी 340 किमी की दूरी

340 किलोमीटर लंबा यह एक्‍सप्रेस वे छह लेन का होगा, जिस पर दूरी लगभग तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी। 22,494 करोड़ की लागत से बनने वाला यह एक्‍सप्रेस वे पूर्वांचल के विकास में नई इबारत लिखने जा रहा है। यह एक्‍सप्रेस वे गाजीपुर के बाद मऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्‍या, सुल्‍तानपुर, अमेठी, बाराबंकी से होकर गुजरेगा। आपको बता दें कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस का न‍िर्माण कार्य 50 प्रतिशत पूरा हो चुका है। कोरोना और लॉकडाउन के समय में भी कार्य में कोई बाधा नहीं आई। उम्‍मीद है कि अगले वर्ष मार्च महीने में इस एक्‍सप्रेस वे पर मुख्‍य यातायात खोल दिया जाएगा।

औद्योगिक विकास को लगेंगे पंख

एक तरफ पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे प्रदेश में आवागमन को सुगम करेगा, वहीं दूसरी तरफ उपेक्षित स्‍थानों की प्रगति का मार्ग भी प्रशस्‍त करेगा। एक्‍सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्र को औद्योगिक विकास के नजरिए से विकसित किया जाएगा और इसके दोनों तरफ औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा। इन गलियारों में खाद्य प्रसंस्‍करण, एमएसएमई इकाइयां, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना पर काम हो रहा है। निवेश को लेकर शुरू हुई प्रतिस्पर्धा में कनेक्टिविटी और सिक्योरिटी का अपना महत्व है। इसलिए बेहतर कनेक्टिविटी से उद्योगों से सामान प्रदेश से एक्‍सपोर्ट हो सकेगा। 

रोजगार के लाखों अवसर होंगे पैदा

यह एक्सप्रेस-वे, प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर में मील का पत्थर साबित होगा। लंबे समय से प्रदेश को जिस आर्थिक विकास की तमन्ना थी, उसे आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की सोच है कि एक तीर से कई निशाने किए हैं। एक्‍सप्रेव वे और औद्योगिक गलियारों के निर्माण से प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था को जहां बल मिलेगा, वहीं लाखों की संख्‍या में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उत्‍तर प्रदेश वासियों को उनके घर में ही रोजगार मिलेगा। सरकार ने उद्योगों के लिए बनी नीतियों की समीक्षा करते हुए उसे सरल बनाने का फैसला किया है। इसका लाभ ये होगा कि बाहर से आकर कंपनियां यहां स्‍थापित होंगे और यहां के निवासियों को रोजगार प्रदान करने का काम करेंगी। 

उतर सकेंगे फाइटर प्‍लेन

उत्‍तर प्रदेश एक्‍सप्रेस वे औ‍द्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA)  के मीडिया सलाहकार दुर्गेश उपाध्‍याय बताते हैं कि निर्माण कार्य में जुटे कर्मियों की सुरक्षा और सोशल डिस्‍टेंसिंग का पूरा ख्‍याल रखते हुए पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे निर्माण बहुत तेजी से किया जा रहा है। यूपीडा की कोशिश है कि जल्‍द से जल्‍द इस एक्‍सप्रेस वे को जनता को समर्पित कर दिया जाए। बता दें कि पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे को इस तरह से तैयार किया जा रहा है कि किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति में उस पर भारतीय वायुसेना के फाइटर प्‍लेन उतारे जा सकें। इस एक्‍सप्रेस वे पर अयोध्‍या जनपद में 3.20 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी लड़ाकू विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए बनाई जा रही है। 

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