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IAF में औपचारिक रूप से शामिल हुए राफेल, राजनाथ सिंह ने देश के दुश्मनों को दी चेतावनी

Updated Sep 10, 2020 | 12:24 IST

Rafale induction ceremony: फ्रांस से आए पांच राफेल लड़ाकू विमानों को गुरुवार को औपचारिक रूप से वायु सेना में शामिल कर लिया गया। अंबाला एयरबेस पर इन विमानों को वाटर कैनन सैल्यूट दिया गया।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल हुए राफेल लड़ाकू विमान।
मुख्य बातें
  • भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल हुए पांच राफेल विमान
  • राजनाथ सिंह ने कहा कि सीमा पर माहौल को देखते हुए यह इंडक्शन काफी अहम
  • गत 29 जुलाई को फ्रांस से राफेल विमानों की आई पहली खेप, 36 राफेल भारत को मिलेंगे

अंबाला (हरियाणा) : फ्रांस से 29 जुलाई को भारत पहुंचे पांच राफेल लड़ाकू विमान गुरुवार को वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल हो गए। वायु सेना की ताकत बनने से पहले इन्होंने आसमान में गर्जना के साथ अपने करतब दिखाए। वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल करने से पहले इन विमानों की 'सर्वधर्म पूजा' पूजा हुई और इन्हें वॉटर कैनन सैल्यूट दिया गया।

इस समारोह के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लारेंस पार्ली, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और वायु सेना प्रमुख बीकेएस भदौरिया मौजूद रहे। राफेल ने सुखोई-30 और जगुआर लड़ाकू विमानों के साथ मिलकर 'एरो' फॉर्मेशन बनाकर अपना हवाई करतब दिखाया। हवाई करतब के दौरान काफी कम गति में उड़ान भरकर राफेल ने सभी को हैरान कर दिया। इन पांच राफेल लड़ाकू विमानों को वायु सेना की 17वें स्क्वाड्रन 'गोल्डेन एरोज' में शामिल किया गया है। 

'सीमा पर माहौल को देखते हुए यह इंडक्शन काफी अहम'
समारोह को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुम्बकम के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन सीमाओं पर किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए भी पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा, 'हमारी सीमाओं पर जिस तरह का माहौल हाल के दिनों में बना है या बनाया गया है, उसके लिहाज से यह इंडक्शन काफी अहम है। राफेल का शामिल होना सीमाई सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने के लिए काफी अहम है।' रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल का वायु सेना में शामिल भारत और फ्रांस के मजबूत रिश्ते को दर्शाता है।

फ्रांस एवं भारत के रक्षा संबंधों में नया अध्याय
फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा कि आज का यह दिन दोनों देशों के लिए एक उपलब्धि है। उन्होंने कहा, 'हम आज भारत और फ्रांस के रक्षा संबंधों में एक नया अध्याय लिख रहे हैं। हम 'मेक इन इंडिया' अभियान के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।'

बढ़ गई वायु सेना की ताकत
बता दें कि राफेल के शामिल हो जाने के बाद वायु सेना की सामरिक क्षमता काफी बढ़ गई है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के खूबी वाले लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं हैं। राफेल में स्टील्थ फीचर भी है। यह आसानी से दुश्मन के रडार को चकमा दे सकता है। यही नहीं, यह अपने वजन से डेढ़ गुना ज्यादा भार उठाकर उड़ान भर सकता है। राफेल लड़ाकू विमान की एक खास खूबी यह भी है कि यह एक बार में कई अभियानों को अंजाम दे सकता है। 

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