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Chowkidar Chor Hai: मानहानि केस में राहुल गांधी को राहत, उनकी माफी सुप्रीम कोर्ट में मंजूर

Updated Nov 14, 2019 | 11:19 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ 'चौकीदार चोर है' रिमार्क मामले में लंबित अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है और राहुल गांधी को इस केस में बड़ी राहत मिल गई है।

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ लंबित अवमानना मामले में फैसला सुना दिया है
  • फैसले के मुताबिक अब राहुल गांधी पर अवमानना का मामला नहीं चलेगा, कोर्ट ने भविष्य के लिए उन्हें चेताया है
  • राहुल ने राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी की थी

नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट राफेल मामले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बारे में ‘चौकीदार चोर है’ टिप्पणी के लिये कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ लंबित अवमानना मामले में फैसला आ गया है,इसके अनुसार अब राहुल गांधी पर अवमानना का मामला नहीं चलेगा, कोर्ट ने भविष्य के लिए राहुल गांधी को चेताया है।

राफेल मामले में न्यायालय के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका के समर्थन में चुनिन्दा दस्तावेज की स्वीकार्यता पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियां अस्वीकार करने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद दस अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ये टिप्पणी की थी।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने राहुल गांधी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये लंबित इस मामले पर 10 मई को सुनवाई पूरी की थी।

राहुल गांधी उस वक्त कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने पीठ से कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित अपनी टिप्पणी गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से कहने पर वह पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।

दरअसल, राफेल मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि लीक दस्तावेजों को अदालत में पेश किया जा सकता है। अदालत के फैसले वाले दिन राहुल गांधी अमेठी में थे और उन्होंने इस पर तुरंत बयान जारी कर कहा कि अब तो अदालत ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने 10 मई को इस पर सुनवाई पूरी कर ली थी। 

पीठ ने कहा था कि इस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा। राहुल गांधी उस वक्त कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष थे और उन्होंने पीठ से कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संबंधित अपनी टिप्पणी गलत तरीके से शीर्ष अदालत के हवाले से कहने पर वह पहले ही बिना शर्त माफी मांग चुके हैं।

राफेल मामले में न्यायालय के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका के समर्थन में चुनिन्दा दस्तावेज की स्वीकार्यता पर केन्द्र की प्रारंभिक आपत्तियां अस्वीकार करने के शीर्ष अदालत के फैसले के बाद दस अप्रैल को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ये टिप्पणी की थी।

राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पीठ से कहा था कि कांग्रेस नेता ने शीर्ष अदालत के मुंह में गलत तरीके से यह टिप्पणी डालने के लिये खेद व्यक्त कर दिया है।

हालांकि, बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि गांधी की क्षमा याचना अस्वीकार की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जानी चाहिए। रोहतगी ने यह भी दलील दी थी कि न्यायालय को राहुल गांधी को अपनी टिप्पणियों के लिये सार्वजनिक रूप से माफी मांगने के लिये कहना चाहिए।

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