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CAA विरोध की आंधी में भी राहुल गांधी अपने आप को क्यों कर लेते हैं मिसफिट, ये है वजह

Updated Feb 06, 2020 | 15:45 IST

राजनीति की पिच पर शब्द ही बॉल होते हैं। बिना संदर्भ या संदर्भ के साथ सही शब्दों का चयन न हो तो आप सामने वाले शख्स के सामने चित हो जाएंगे। राहुल गांधी के डंडा मारने वाले बयान पर पीएम ने सूद समेत वापस कर दिया।

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राहुल गांधी
मुख्य बातें
  • लोकसभा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की घेरेबंदी की, कांग्रेस की नीतियों को कोसा
  • 'कांग्रेस अपनी वजहों से विपक्ष में, बीजेपी जिम्मेदार नहीं'
  • 'अनुच्छेद 370, सीएए पर विरोध सिर्फ राजनीतिक, जनता सब जानती है'

नई दिल्ली। सियासत में सही समय पर जो चौका छक्का मारे वही राजनीति के रिंग का मास्टर है। लेकिन हर बार सियासी पिच पर बयानों की गुगली विरोधी पक्ष को आउट कर दे या विरोधी पक्ष चौका छक्का ही मारता रहे यह भी संभव नहीं है। देश की सियासी तस्वीर में कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे के आमने सामने हैं। बीजेपी अगर किसी विषय को जायज करार देती है तो स्वाभाविक है कि कांग्रेस उसे नकार दे। अब इसी रास्ते पर राहुल गांधी चलते तो हैं। लेकिन अब इसे उनकी सियासी नासमझी कहें या सामने वाला शब्दों का जादुगर है कि राहुल के आरोपों को हथियार बनाकर हमला करता है। 

अर्थव्यस्था से डंडे तक गई बात
राहुल गांधी ने बुधवार को एक ट्वीट किया जिसमें कहा कि दिशाहीन वित्त मंत्री ने व्यर्थ बजट पेश किया था और वो पीएम मोदी से अपील करते हैं कि उन्हें बर्खास्त कर दें और सभी तरह की समस्या खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी को दरअसल दोष मढ़ने की आदत पड़ चुकी है। अब दिशाहीन और व्यर्थ बजट पर वो जरूर कुछ बोलेंगे किसी पर दोष मढ़ेंगे तो बेहतर है कि वित्त मंत्री को बर्खास्त कर दें। 

इस ट्वीट के कुछ घंटे के बाद उन्होंने बेरोजगारी को हवाला देते हुए कहा कि 6 महीने के बाद देश के युवा पीएम मोदी को डंडे मारेंगे। दरअसल इस वाक्य का जिक्र राहुल गांधी रोजगारी के संबंध में कर रहे थे। लेकिन शायद उनके जेहन में नहीं रहा होगा कि गुरुवार को संसद में पीएम को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर जवाब देना है।पीएम मोदी करीब 12 बजे लोकसभा में अभिभाषण प्रस्ताव पर बोलना शुरू किए और राहुल गांधी के एक एक आरोपों का जवाब देते हुए उन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया।


शायरी के जरिए राहुल और कांग्रेस पर पीएम ने साधा निशाना
राहुल गांधी जिस संवैधानिक व्यवस्थाओं का हवाला देते हुए पीएम मोदी पर हमला करते हुये नजर आते हैं। उनके सवालों का पीएम मोदी ने खूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ छिपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं के जरिए जवाब दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भूल गई कि एक शख्सियत को पीएम बनाने के लिए देश के नक्शे  पर लकीर खींच दी गई और उस गलती के करीब 72 साल बाद सुधार करने की कोशिश की गई तो राहुल गांधी को खराब लगने लगा।
कांग्रेस के शब्दों को मोदी बना लेते हैं हथियार
पीएम मोदी कहते हैं कि अगर आप उस तरफ बैठे हुए हैं तो वो आपकी कारस्तानियों का ही नतीजा है। उसके लिए बीजेपी जिम्मेदार नहीं है। पंजाब और राजस्थान में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किए जाने पर उन्होंने राहुल गांधी से पूछा कि आखिर आप लोग किस तरह की परंपरा सेट करना चाहते हैं। इस मसले पर जानकारों का कहना है कि दरअसल यह राहुल गांधी की गलती नहीं है। विपक्षी नेता होने के नाते वो सरकार पर हमला करते हैं। लेकिन उनकी पार्टी का वर्षों तक सरकार में बना रहना उनके लिए घातक साबित होता है। 

'कांग्रेस का साया उसकी परेशानी की बड़ी वजह'
राहुल गांधी जब मौजूदा सरकार की तानाशाही की बात करते हैं तो उन्हें याद दिलाया जाता है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने आपातकाल के दौरान क्या किया था। जो लोग आज कांग्रेस के साथ खड़े हैं उनके साथ क्या हुआ था। दरअसल कांग्रेस को खुद के साए से आजादी नहीं मिल पा रही है और यही वजह है कि हमालवर होते हुए भी राहुल गांधी के बयान बैकफायर कर जाते हैं। 

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