नई दिल्ली: 10 मार्च को कांग्रेस छोड़ने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 11 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वॉइन कर ली। 18 साल कांग्रेस में रहे सिंधिया को राहुल गांधी का बेहद करीबी माना जाता था। लेकिन दिसंबर 2018 में मध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद चीजें बदलती गईं, 2019 लोकसभा चुनाव में सिंधिया की हार के बाद हालात और बदल गए।
सिंधिया के बीजेपी में जुड़ने के बाद राहुल गांधी ने उसी फोटो को रिट्वीट किया है, जो उन्होंने दिसंबर 208 को ट्वीट किया था। इसमें सिंधिया और कमलनाथ दोनों राहुल गांधी के साथ हैं। कमलनाथ को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री घोषित करने के बाद राहुल गांधी ने ये फोटो ट्वीट की थी। इसके साथ उन्होंने लियो टॉलस्टॉय के एक विचार को ट्वीट किया था, जिसमें लिखा था- धैर्य और समय दो सबसे शक्तिशाली योद्धा हैं।
उस समय इसका मतलब निकाला गया था कि राहुल कमलनाथ को राज्य की कमान सौंपने के साथ-साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया को धैर्य रखने की बात कह रहे हैं। अब जब सिंधिया पार्टी छोड़ चुके हैं और धुर विरोधी पार्टी से जुड़ गए हैं तो राहुल ने एक बार फिर उसी फोटो को रिट्वीट किया है। क्या राहुल एक बार फिर कहना चाह रहे हैं कि उन्हें अभी और धैर्य रखना चाहिए था?
लंबे समय से नाराज थे सिंधिया?
जानकार कहते हैं कि सिंधिया की नाराजगी तभी से शुरू हो गई थी जब कमलनाथ को राज्य का सीएम बनाया गया। इसके बाद और भी कई चीजें हुईं, जिससे उनकी नाराजगी बढ़ती चली गई। बताया जाता है कि इसके बाद उन्हें प्रदेश कांग्रेस की भी कमान नहीं सौंपी गई, उन्हें लगातार नजरअंदाज किया जाता रहा। ये भी कहा जाता है कि राहुल के बाद वो राष्ट्रीय स्तर पर आकर पार्टी का नेतृत्व करना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें राज्यसभा चुनाव में भी तरजीह नहीं दी जा रही थी। इन्हीं सभी के चलते वो ये कदम उठाने को मजबूर हुए।
हमसे गलती हो गई: दिग्विजय सिंह
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह गलती हमसे हुई कि हम यह नहीं समझ पाए कि वह कांग्रेस छोड़ देंगे। कांग्रेस ने उन्हें क्या नहीं दिया। चार बार सांसद बनाया, दो बार केंद्रीय मंत्री बनाया और कार्य समिति का सदस्य बनाया। वह कैबिनेट मंत्री बनने की अतिमहात्वाकांक्षा के चलते भाजपा में शामिल हुए हैं।
सिंधिया मेरे घर कभी भी आ सकते थे: राहुल
सिंधिया को मिलने का समय नहीं देने संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए राहुल ने कहा कि वो उनके घर कभी भी आ सकते थे। राहुल से सवाल किया गया था कि क्या सिंधिया को सोनिया गांधी या आपसे (राहुल) मिलने का समय नहीं दिया जा रहा था? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि सिंधिया इकलौते शख्स हैं जो उनके घर कभी भी आ सकते थे।
वास्तविकता से दूर हो गई है कांग्रेस: सिंधिया
पार्टी में शामिल होने के थोड़ी देर बाद ही बीजेपी ने मध्य प्रदेश से सिंधिया को राज्यसभा का उम्मीदवार बना दिया। कांग्रेस छोड़ने पर बोलते हुए सिंधिया ने कहा कि वो पार्टी अब पहले जैसी पार्टी नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि वह आहत थे क्योंकि वहां रहते हुए लोगों की सेवा नहीं कर पा रहे थे। उन्होंने कांग्रेस को वास्तविकता से दूर बताया।