नई दिल्ली: राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सिलसिले में सोमवार (13 जून) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होंगे। उसी समय कांग्रेस राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए कमर कस रही है। कांग्रेस अपनी ताकत दिखाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपपी सरकार को अपना राजनीतिक मैसेज देने के लिए एक बड़े आयोजन की योजना बना रही है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सांसदों और कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) के सदस्यों को भी सोमवार को दिल्ली में मौजूद रहने को कहा गया है। इसके लिए रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिवों, राज्य प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) प्रमुखों की बैठक बुलाई गई। दूसरी तरफ ईडी ने शुक्रवार को सोनिया गांधी को नया समन जारी कर नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए 23 जून को पेश होने को कहा है।
कांग्रेस नेता मनिकम टैगोर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता देश भर में जांच एजेंसी के करीब 25 कार्यालयों में राजनीतिक प्रतिशोध और केंद्र सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज को चुप कराने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी द्वारा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ जारी समन को लेकर कांग्रेस ने आज देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
पार्टी के एक सीनियर नेता ने एएनआई को बताया कि सभी संसद सदस्यों को 13 जून को राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद रहने के लिए कहा गया है, और वे भी राहुल गांधी के साथ ईडी कार्यालय की ओर मार्च करेंगे। इसको लेकर चर्चा करने के लिए बैठक की गई थी। इस पर अंतिम फैसला लेने के लिए देश भर के नेताओं के विचार लिए गए। यह तय किया गया कि दिल्ली के साथ-साथ, प्रदेश कांग्रेस समितियों द्वारा हर राज्य की राजधानी में विरोध प्रदर्शन किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी को 13 जून को जांच में शामिल होने के लिए तलब किया गया है। उन्हें पहले जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया था लेकिन वह देश से बाहर थे और बाद में उन्हें जांच में शामिल होने के लिए 13 जून की नई तारीख दी गई। इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह एक राजनीतिक प्रतिशोध है और मामले की जांच का कोई आधार नहीं है।