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Rahul Gandhi Lakhimpur Kheri Visit: चार्टर्ड प्लेन से जाने की तैयारी में राहुल गांधी, साथ में होंगे दो सीएम

Updated Oct 06, 2021 | 07:59 IST

लखीमपुर खीरी केस में जांच पड़ताल जारी है। इन सबके बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चार्टर्ड प्लेन से दो मुख्यमंत्रियों के साथ वहां जाने वाले हैं, हालांकि यूपी सरकार ने इजाजत नहीं दी है।

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लखीमपुर खीरी जाएंगे राहुल गांधी, यूपी सरकार ने नहीं दी है इजाजत
मुख्य बातें
  • लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत का मुद्दा गरमाया हुआ है
  • अलग अलग दलों के नेता लखीमपुर जाने की कोशिश में
  • प्रियंका गांधी को हिरासत में रखने के बाद मंगलवार को गिरफ्तार किया गया।

यूपी का लखीमपुर खीरी इस समय चर्चा के केंद्र में है। किसानों की मौत मामले में जिस तरह से केंद्रीय गृहराज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का नाम सामने आया है उसके बाद सियासत गरमा गई है। बता दें कि प्रियंका गांधी को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया और इन सबके बीच राहुल गांधी दो मुख्यमंत्रियों( पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल) के साथ चार्टर्ड प्लेन से लखीमपुर खीरी जाने वाले हैं, हालांकि उन्हें यूपी सरकार की तरफ से इजाजत नहीं मिली है। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल मंगलवार को लखीमपुर खीरी जाना चाहते थे। लेकिन उन्हें लखनऊ एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था। 

सरकार के खिलाफ विपक्ष एक सुर में 
विपक्षी दलों का कहना है कि एक तरफ बीजेपी सरकार किसानों की भलाई की बात करती है। लेकिन दूसरी तरफ गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा का बेटा हिंसा का नंगा खेल खेलता है। जिन लोगों के नाम एफआईआर में दर्ज हैं उनकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। लेकिन जो लोग पीड़ित परिजनों की आंसू को पोछना चाहते हैं उनके खिलाफ जुल्म ढाया जा रहा है। नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ की सरकार वादे तो बड़े बड़े करती है। लेकिन लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ उसले आंख मूंद रही है। दोनों सरकारें मंत्री के आरोपी बेटे आशीष मिश्रा को बचाने की कोशिश कर रही हैं। 

सत्ता प्रायोजित हिंसा पर रोक कब तक
विपक्ष का कहना है कि आखिर इस तरह की सत्ता प्रायोजित हिंसा का दौर कब तक चलेगा। लखीमपुर खीरी के गुनहगारों को सजा कब मिलेगी। यह कलयुग राज नहीं तो और क्या है। गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा का बेटा खुलेआम विरोध कर रहे किसानों पर गाड़ी चढ़वा देता है जिसके तमाम फुटेज हैं और सरकार कह रही है कि अभी जांच जारी है। हकीकत तो यह है कि जांच के नाम पर सबूतों के साथ साथ छेड़छाड़ की जा रही है। बता दें कि किसान संगठनों और सरकार के बीच वार्ता के बाद पीड़ित परिजनों को 45 लाख का मुआवजा, और एक सदस्य को योग्यता के हिसाब से सरकारी नौकरी दी जाएगी। 

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