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राजतंत्र नहीं फिर भी कायम है राजा चुनने की परंपरा, बूंदी राजपूतों ने ब्रिगेडियर को चुना अपना 'किंग'

Bundi Rajputs choose Brigadier Bhupesh Singh Hada as new king of Riyasat
Updated Dec 11, 2021 | 10:23 IST

Rajasthan's Bundi Riyasat news : सियाचिन ब्रिगेड की कमान संभाल चुके ब्रिगेडियर हाड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडर भी रह चुके हैं। इन्होंने माउंट एयरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई भी की है। वह पैराट्रूपर एवं डाइवर भी हैं।

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Bundi Rajputs choose Brigadier Bhupesh Singh Hada as new king of RiyasatBundi Rajputs choose Brigadier Bhupesh Singh Hada as new king of Riyasat
तस्वीर साभार:&nbspFacebook
बूंदी रियासत के नए 'राजा' होंगे ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा।
मुख्य बातें
  • पिछले 12 साल से खाली थी बूंदी रियासत की गद्दी, पाग समिति ने लिया फैसला
  • बूंदी रियासत के 26वें 'राजा' होंगे ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा, रविवार को संभालेंगे गद्दी
  • अपनी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए कई सम्मानित पदकों से नवाजे जा चुके हैं ब्रिगेडियर हाड़ा

नई दिल्ली : भारत में राजा-रजवाड़े और रियासत की परंपरा भले ही बाते समय की बात हो गई हो लेकिन देश के कुछ इलाकों में अभी भी इस परंपरा का पालन किया जाता है। आजादी के 75 साल बाद भी यह परंपरा टूटी नहीं है, कुछ समुदाय अब भी अपना 'राजा' चुनते हैं। इन्हीं में से एक है बूंदी जिला। यहां के राजपूत समुदाय ने ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को अपना नया 'राजा' चुना है। बूंदी जिला कभी बूंदी रियासत हुआ करता था, जहां हाड़ा राजाओं को महाराव राजा की उपाधि हासिल थी। भारत के साथ हाड़ा राजाओं की बूंदी रियासत का विलय 1948 में हो गया। हालांकि, हाड़ा चौहान अपनी इस गद्दी का राजा चुनते आए थे लेकिन यह गद्दी पिछले 12 सालों से खाली थी। 

पिछले 12 साल से खाली थी गद्दी

बूंदी के आखिरी राजा कर्नल महाराव राजा बहादुर सिंह के बेटे एवं उत्तराधिकारी रणजीत सिंह के निधन के बाद से समुदाय ने अपना नया 'राजा' नहीं चुना था। बता दें कि रणजीत सिंह का निधन साल 2010 में हो गया। इसके बाद से राजा नियुक्त करने वाली समिति किसी योग्य उम्मीदवार की तलाश में थी। अब ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा के रूप में यह तलाश पूरी हुई है। ब्रिगेडियर भूपेश हाड़ा अब बूंदी के 26वें महाराव राजा होंगे। 

कई पदकों से सम्मानित हो चुके हैं ब्रिगेडियर हाड़ा

ब्रिगेडियर भूपेश सिंह हाड़ा को उनके शौर्य, पराक्रम एवं सेवा के लिए कई पदकों के सम्मानित किया जा चुका है। सरकार साल 1999 में आतंकवाद के खिलाफ अभियान चलाने के लिए शौर्य चक्र और साल 2019 में सियाचिन में प्रशांसनीय कार्यों के लिए विशिष्ट सेवा मेडल से उन्हें सम्मानित कर चुकी है। सियाचिन ब्रिगेड की कमान संभाल चुके ब्रिगेडियर हाड़ा राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के कमांडर भी रह चुके हैं। इन्होंने माउंट एयरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई भी की है। वह पैराट्रूपर एवं डाइवर भी हैं। इन्हें रविवार को बूंदी के मंदिर में 'राजा' का ताज पहनाया जाएगा। 

कई दौर की बैठकों के बाद नाम पर हुआ फैसला

नए 'राजा' की तलाश करने वाली पाग समिति के प्रवक्ता अरिहंत सिंह ने कहा, 'राजा का चुनाव करने के लिए हमने सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था। हमने कहा था कि यह उपाधि योग्य व्यक्ति को मिलनी चाहिए। कई दौर की बैठकों एवं बातचीत के बाद कुछ नाम तय हुए। इनमें शिवेंद्र सिंह एवं ब्रिगेडियर हाड़ा का नाम सबसे आगे था। बूंदी के 118 पूर्व जागीदार एवं पूर्व ठिकानेदार में से 108 ने ब्रिग्रेडियर हाड़ा के नाम पर मुहर लगाई जिसके बाद चार दिसंबर को नए राजा के रूप में उनके नाम की घोषणा हुई।' 
 

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