- राजस्थान के टोंक में पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरे लोग
- पलायन के लिए मजबूर लोगों ने सरकार से की सुरक्षा की मांग
- बहुसंख्यकों का आरोप, उन्हें पलायन के लिए किया जा रहा है मजबूर
टोंक: राजस्थान के टोंक जैन समुदाय की बस्तियों में पलायन के पोस्टर लगने के बाद से मामले ने सियासी रूप ले लिया है। मामला टोंक के मालपुरा कस्बे का है। जहां पर जैन समुदाय की बस्तियों में मुस्लिम समुदाय के लोगों के घर खरीदे जाने के बाद जैन परिवारों ने असुरक्षा की भावना जताते हुए पलायन की चेतावनी दी है। बस्ती में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम से पोस्टर लगाए गए हैं जिन पर लिखा हुआ है कि वो असुरक्षा के कारण पलायन करने को मजबूर हैं साथ ही सरकार से सुरक्षा और रहने की व्यवस्था करने की अपील की गई है।
BJP की तीन सदस्यीय टीम ने किया दौरा
इस तरह के पोस्टर सुर्खियों में आने के बाद राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पुनिया की तरफ से बनाई गई कमेटी के तीन सदस्यों ने इलाके का दौरा किया। इस कमेटी में सांसद मेधानंद सरस्वती, सुखबीर सिंह जौनापुरिया और विधायक शोभा चौहान भी शामिल हैं। कमेटी के सदस्यों ने इलाके के लोगों से बात की और मामले को सरकार के साथ साथ विधान सभा में भी उठाने का भरोसा दिया है। मालपुरा इलाका 1992 के सांप्रदायिक दंगों के बाद से ही बेहद संवेदनशील इलाका माना जाता है।
हो चुके हैं 90 के दशक में सांप्रदायिक दंगे
आपको बता दें कि 1992 में यहां सांप्रदायिक दंगे हुए थे जिसके बाद बहुसंख्यक समुदाय के लोग जिनके घर अल्पसंख्यकों की बस्ती के करीब थे, उन्होंने पुश्तैनी घर बेचकर पलायन कर लिया था। एक बार फिर बहुसंख्यक परिवार सड़क पर उतरकर पलायन से बचने की गुहार लगा रहे हैं। मामला तूल पकड़ने पर अब बीजेपी यहां पहुंची है और सरकार से मामले में दखल देने की मांग की है।