- राजनाथ सिंह की अपने इजरायली समकक्ष बेन्नी गैंट्ज के साथ हुई चर्चा
- दोनों नेताओं ने कहा-कोविड-19 संकट से मिलकर लड़ेंगे दोनों देश
- राजनाथ सिंह ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग में प्रगति की समीक्षा की
नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इजरायल के अपने समकक्ष बेन्नी गैंट्ज के साथ टेलीफोन पर बातचीत की है। समझा जाता है कि इस बातचीत में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को नई ऊंचाई पर ले जाने सहित भारत को मिलने वाले रक्षा उपकरणों एवं हथियारों पर चर्चा हुई। राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को अपने एक ट्वीट में कहा, 'इजरायल के रक्षा मंत्री बेन्नी गैंट्ज के साथ टेलीफोन पर मेरी बातचीत हुई। हमने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के प्रगति की समीक्षा की।' लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच यह वार्ता काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
कोविड-19 संकट पर हुई चर्चा
राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमने कोविड-19 की स्थिति पर भी बात की। दोनों देश इस महामारी से मिलकर कैसे लड़ सकते हैं, इस पर भी हमारे बीच वार्ता हुई।' लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए भारत एलएसी की अपनी निगरानी क्षमता और मजबूत करना चाहता है। इसके लिए वह इजरायल से निगरानी ड्रोन चाहता है जिससे कि उसकी यह क्षमता और मजबूत हो सके। सरकार ने इसके लिए हेरान ड्रोन और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल स्पाइक का ऑर्डर दिया है। समझा जाता है कि इस बातचीत में इस मसले पर भी चर्चा हुई होगी।
सेना पहले से कर रही हेरॉन ड्रोन का इस्तेमाल
भारत इजरायल के निगरानी ड्रोन हेरॉन का इस्तेमाल पहले ही कर रहा है। इस मानवरहित ड्रोन का इस्तेमाल वायु सेना और नौसेना में पहले से हो रहा है। इस समय सेना लद्दाख में हेरॉन ड्रोन का इस्तेमाल अधिकता से कर रही है। सेना आने वाले दिनों में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल स्पाइक का ऑर्डर कर सकती है। इजरायल ने बालाकोट हवाई हमले के बाद इस मिसाइल की आपूर्ति की थी। इस मिसाइल 'दागो और भूल जाओ' भी कहा जाता है।
भारत का एक बड़ा रक्षा सहयोगी देश है इजरायल
इजरायल, भारत का एक बड़ा रक्षा सहयोगी देश है। हाल के वर्षों में भारत ने इस देश से बड़ी संख्या में हथियार और निगरानी उपकरण खरीदे हैं। चीन के साथ सीमा पर गतिरोध को देखते हुए भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करना शुरू कर दिया है। इस माह के अंत में 29 जुलाई को फ्रांस से पांच राफेल लड़ाकू विमान अंबाला एयरबेस पर लैंड करेंगे। भारत ने रूस से अपने रक्षा सौदों की आपूर्त में तेजी लाने के लिए कहा है।