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भारतीय नौसेना की तैयारियां किसी भी तरह से उकसाने वाली कार्रवाई नहीं: राजनाथ

Updated May 27, 2022 | 18:20 IST

Rajnath Singh : रक्षा मंत्री ने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘भारतीय नौसेना की तैयारियां आक्रामकता के लिए उकसाने वाली कार्रवाई न होकर हिंद महासागर क्षेत्र के लोगों के लिए सुरक्षा की एक गारंटी देने की कोशिश है।’

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राजनाथ सिंह ने कहा है कि भारतीय नौसेना की तैयारियां उकसाने वाली कार्रवाई नहीं है।

करवार (कर्नाटक) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय नौसेना की तैयारियां किसी भी तरह से उकसाने वाली कार्रवाई नहीं है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा की गारंटी देने की कोशिश है। सिंह ने ‘आईएनएस खंडेरी’में समुद्री यात्रा की और कलवरी श्रेणी की अत्याधुनिक पनडुब्बी की लड़ाकू क्षमताओं और ताकत को देखा। उन्होंने कहा, ‘पनडुब्बी में समुद्री यात्रा का अद्भुत और रोमांचकारी अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि वह भारत की सुरक्षा के प्रति अधिक आश्वस्त हैं।'

रक्षा मंत्री नौसेना को सराहा
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना एक आधुनिक, शक्तिशाली और विश्वसनीय बल है जो हर स्थिति में सतर्क, बहादुर और विजयी रहने की क्षमता रखता है। सिंह ने कहा, ‘आज भारतीय नौसेना की गिनती दुनिया की अग्रिम पंक्ति की नौसेनाओं में होती है और दुनिया की बड़ी समुद्री सेनाएं भारत के साथ सहयोग के लिए तैयार हैं। भारतीय नौसेना द्वारा की जा रही तैयारी किसी के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि बनाये रखना है।’

'सुरक्षा की गारंटी देने की कोशिश है नौसेना की कार्रवाई'
रक्षा मंत्री ने यहां मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘भारतीय नौसेना की तैयारियां आक्रामकता के लिए उकसाने वाली कार्रवाई न होकर हिंद महासागर क्षेत्र के लोगों के लिए सुरक्षा की एक गारंटी देने की कोशिश है।’ उन्होंने कहा कि आईएनएस खंडेरी ‘मेक-इन-इंडिया’ क्षमताओं का सबसे अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना के लिए 41 जहाजों या पनडुब्बियों के लिए दिए गए ऑर्डर में से 39 भारतीय शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं।’

‘आईएनएस विक्रांत’ बड़ी ताकत बनेगा-राजनाथ सिंह
सिंह ने कहा, ‘इस वर्ष जब हम अपनी स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि ‘आईएनएस विक्रांत’ ‘विक्रमादित्य’ के साथ मिलकर भारत की समुद्री सुरक्षा को एक बड़ी ताकत प्रदान करेगा।’

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