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सरकार कान खोलकर सुन ले कि ये शाहीन बाग का आंदोलन नहीं है, धरने नहीं होंगे खत्म: टिकैत

Updated Apr 11, 2021 | 19:50 IST

Kisan Andolan News: किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह कोरोना का हवाला देकर शाहीनबाग की तरह आंदोलन को खत्म करने की ना सोचे।

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सरकार कान खोलकर सुन ले,ये शाहीन बाग का आंदोलन नहीं है: टिकैत
मुख्य बातें
  • टिकैत बोले- कोरोना का बहाना बनाकर सरकार ना करे गलती, ना ही इसे शाहीनबाग का आंदोलन समझना
  • जहां- जहां चुनाव हैं वहां कोरोना के मामले क्यों नहीं है: टिकैत
  • जैसे ही सरकार दिल्ली लौटेगी, किसान भी यहां भारी संख्या में लौट आएगा- टिकैत

नई दिल्ली: भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार पर हमला किया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार इसे शाहीन बाग आंदोलन की तरह ना समझे। उन्होंने कहा कि सरकार कोरोना का डर दिखाकर सरकार किसान आंदोलन को खत्म नहीं करवा सकती। रणनीति ये रहेगी कि धरने चलते रहेंगे। क्योंकि सरकार के लोग भी दिल्ली में नहीं है, वो भी चुनाव में बिजी हैं। हमारे लोग यहां पर धरने में और गांव में भी हैं। हमारी रणनीति ये है कि धरनों को मजबूत किया जाए और मोर्च लगाए जाएं। आगे जब सरकार बात करेगी तो हम उनसे बातचीत करेंगे। सरकार कंडीशनल बातचीत कर रही है, जब वो बगैर कंडीशन के बातचीत करेगी तो तब बैठकर होगी। 

जहां चुनाव नहीं तो वहां कोरोना क्यों नहीं

जब टिकैत से पूछा गया कि कोविड के मामले बहुत बढ़ रहे हैं तो क्या इसका असर धरने पर होगा, तो टिकैत ने कहा, 'बंगाल में कितने मामले हैं? पूरे देश का रेशियो उठाकर देखा जाए तो जहां- जहां चुनाव हैं वहां कोरोना के मामले नहीं है। क्या वहां का डाटा छुपाया जाता है या मीटिंग करने के लिए छूट दी जाती है? अगर किसान कहीं मीटिंग करेंगे। हमारी 11-12 को मध्य प्रदेश में मीटिंग थी लेकिन वहां लॉकडाउन रहेगा, दूसरी जगह लॉकडाउन रहेगा। जहां किसान बैठक करना चाहता है वहां ये कोरोना की गाइडलाइंस का हवाला देते हैं। लेकिन जहां चुनाव हैं वहां कोई हवाला नहीं हैं। क्या इससे कोरोना के नाम पर जनता के साथ कोई धोखा तो नहीं हो रहा है?'

शाहीन बाग ना समझे सरकार
सरकार को चेतावनी देते हुए टिकैत ने दो टूक कहा, 'ये शाहीनबाग का आंदोलन नहीं है, कि कोरोना का बहाना बनाकर सरकार आंदोलन खत्म करा देगी। आंदोलन खत्म नहीं होंगे जब तक ये तीन कानून खत्म नहीं होंगे और एमएसपी पर कानून नहीं बनेगा। सरकार हमारी कमेटी से बातचीत नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में भीड़ फिर होगी। अभी किसान अपने खेतों में हैं और सरकार चुनाव लड़कर आ जाएगी तो किसान भी आ जाएगा और फिर उसी तरह की भीड़ यहां होगी। जैसे ही सरकार दिल्ली आएगी वैसे ही किसान भी आ जाएगा। ये सरकार कान खोलकर सुन ले कि ये शाहीन बाग का आंदोलन नहीं है। किसान गाइडलाइंस के साथ आंदोलन करेगा और धरने खत्म नहीं होंगे।'

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