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Delhi Election: राम मंदिर ट्रस्ट के बहाने मोदी सरकार ने किए एक तीर से दो शिकार 

Updated Feb 05, 2020 | 14:01 IST

दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा की 70 सीटों के लिए मतदान होना है ऐसे में राजनीतिक ध्रुवीकरण के बीच भाजपा ने राम मंदिर के बहाने अपनी सबसे बड़ी सियासी चाल चल दी है।

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Modi vs Kejriwal

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। सभी दल अपने-अपने स्टार प्रचारकों के साथ चुनावी मैदान में कूद गए हैं और विरोधी दलों पर निशाना साधते हुए वोटरों को लुभाने का कोई मौका नहीं गंवा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ सभी दल वोटरों को अपने-अपने पाले में शामिल करने के लिए नई नई चाल भी चल रहे हैं। ऐसे में मोदी सरकार ने मतदान के ठीक 3 दिन पहले संसद में राम मंदिर ट्रस्ट के निर्माण की घोषणा करके एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की है। 

शाहीन बाग में सीएए को लेकर तकरीबन पचास दिन से हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से दिल्ली का सियासी पारा पहले से ही बढ़ा हुआ है। विकास की राजनीति से होते हुए दिल्ली चुनाव देश भक्त और देशद्रोही के समीकरणों में उलझ कर रह गया है। धार्मिक ध्रुवीकरण की राजनीति तेज हो गई है ऐसे में केजरीवाल ने मुस्लिम वोटरों को साधने के बाद हिंदू वोटरों को साधने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ तक कर दिया। ऐसे में भाजपा ने संसद में राममंदिर ट्रस्ट के गठन का ऐलान करके हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए बड़ी चाल चल दी है। 

मंगलवार को आम आदमी पार्टी ने दलित वोटरों को साधने के लिए सीवर की सफाई के दौरान जान गंवाने वाले सफाई कर्मी के परिवार को 1 करोड़ रुपये दिए जाने का घोषणा की थी। मोदी सरकार ने भी दलित वोटरों को लुभाने के लिए राम मंदिर ट्रस्ट के स्वरूप के गठन का ऐलान करते हुए 15 सदस्यों में से एक जगह दलित समुदाय के व्यक्ति के लिए आरक्षित करने का ऐलान भी कर दिया और आप के सियासी प्रहार को साधने की राजनीतिक कोशिश की है। 

दिल्ली की आबादी में 17 प्रतिशत हैं दलित 

दिल्ली की कुल आबादी में 17 प्रतिशत दलित हैं। पिछली बार विधानसभा चुनावों में दलित वोटरों ने कांग्रेस का दामन छोड़कर आप का हाथ थाम लिया था और यही अंतर निर्णायक भी साबित हुआ था। इसलिए दलित वोटरों को लुभाने का कोई भी पार्टी प्रचार के अंतिम दौर में जोखिम नहीं उठाना चाहती है। कुल मिलाकर कहा जाए तो भाजपा ने दिल्ली के तख्त को पलटने के लिए अपनी तरफ से सबसे ताकतवर सियासी चाल चल दी है। 

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