- रामविलास पासवान का पिछले साल लंबी बीमारी के बाद हो गया था निधन
- महज 23 साल में विधायक बनने वाले पासवान का जन्म 5 जुलाई, 1946 को बिहार में हुआ
- 6 प्रधानमंत्रियों की कैबिनेट में मंत्री रहे पासवान कहलाते थे राजनीति के 'मौसम वैज्ञानिक'
नई दिल्ली: देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक रामविलास पासवान की आज जयंती है। बिहार में जन्मे रामविलास पासवान को सियासत का ऐसा बेताज बादशाह माना जाता था कि उन्हें राजनीति का 'मौसम वैज्ञानिक' तक कहा जाता था। देश के 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम कर चुके रामविलास पासवान का पिछले साल ही लंबी बीमारी के बाध 74 साल की उम्र में निधन हुआ था। अपने मिलनसार स्वभाव की वजह से वह हर सियासी खांचे में फिट बैठ जाते थे।
खगड़िया जिले में हुआ था जन्म
बिहार के खगड़िया जिले में 5 जुलाई 1946 को जन्म पासवान तीन भाइयों में सबसे बड़े थे। पढ़ाई में एक होनहार छात्र रहे रामविलास पासवान ने बिहार की प्रशासनिक सेवा परीक्षा पास की। इसके बाद उन्हें पुलिस विभाग में पुलिस उपाधीक्षक यानी डीएसपी के पद पर नियुक्ति मिली। खुद रामविलास पासवान ने 2016 में बताया था, '1969 मे मेरा DSP मे और MLA दोनो मे एक साथ चयन हुआ। तब मेरे एक मित्र नेपूछा कि बताओ Govt बनना है या Servant ?बस तभी मैंने राजनीति ज्वाइन कर ली।'
बनाया विश्व रिकॉर्ड
पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी की तरफ से बिहार के अलोली सीट से उपचुनाव लड़कर उन्होंने कांग्रेस के बड़े नेता को शिकस्त दी और इस दौरान उनकी उम्र महज 23 साल की थी। यहीं से उनका राजनीतिक करियर शुरू हुआ। इसके बाद 1977 में उन्होंने ऐसा रिकार्ड बनाया जो गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गया। उन्होंने हाजीपुर से 4.25 लाख वोटों से जीत हासिल की और अपना ही रिकॉर्ड उन्होंने 1989 में तोड़ दिया जब 5.05 लाख वोटों से जीत हासिल की।
6 सरकारों में रहे मंत्री
1977 में राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ने वाले पासवान को केवल 1984 और 2009 में दो बार हार का मुँह देखना पड़ा। भारतीय राजनीति में चार दशकों तक अहम भूमिका निभाने वाले रामविलास पासवान 9 बार सांसद रहे। वीपी सिंह से लेकर पीएम मोदी तक वह हर प्रधानमंत्री की कैबिनेट में मंत्री रहे। 1989 में नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार के दूसरे कार्यकाल में ही वह केवल मंत्री नहीं रहे। वह ऐसे एकमात्र नेता थे जिन्होंने 6 प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया और मंत्रीपद संभाला।
कहलाते थे मौसम वैज्ञानिक
रामविलास पासवान को भारतीय राजनीति का ऐसा मौसम वैज्ञानिक कहा जाता था तो राजनीति में हवा का रूख पहले ही भांप लेते थे। वीपी सिंह, देवगौड़ा, गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह तथा नरेंद्र मोदी सरकार तक में मंत्री पद संभालने वाले पासवान 2009 में केवल एक बार चुनाव हारे जब उन्हें अपनी ही हाजीपुर की सीट से शिकस्त का सामना करना पड़ा। 19975 में आपातकाल में उन्होंने साल भर से भी अधिक समय जेल में बिताया।
ऐसा है परिवार
रामविलास पासवान ने दो शादियां की थी। उनकी पहली पत्नी ग्रामीण पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती थीं जिनसे उन्हें दो बेटियां हैं। 1981 में पहली पत्नी राकुमारी को तलाक देने के बाद रामविलास पासवान ने कुछ समय बाद एयरहोस्टेस रीना शर्मा से शादी कर ली जिनसे उन्हें एक बेटा चिराग पासवान और एक बेटी हुई। अपने भाईयों का बच्चों की तरह ध्यान रखने वाले रामविलास पासवान ने राजनीति में भी उनका भरपूर साथ दिया और दो भाईयों को संसद तक पहुंचाया।
लंबी बीमारी के बाद निधन
2019 के बाद से उन्हें अचानक से बीमारी ने जकड़ लिया जिसके बाद वह सक्रिय राजनीति से दूर होते रहे और 8 अक्टूबर 2020 को लंबी बीमारी के बाद दिल्ली में उनका निधन हो गया। फिलहाल रामविलास पासवान की लोजपा में दोफाड़ हो चुके हैं और जिस भाई को उन्होंने बच्चे की तरह शिखर पर पहुंचाया उसी ने आज पासवान के बेटे को हटाकर पार्टी पर कब्जा कर लिया है।