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Hathras Gangrape case: मोदी कैबिनेट में मंत्री रामदास अठावले की बड़ी मांग, हाथरस के गुनहगारों को दी जाए फांसी

Updated Oct 02, 2020 | 17:37 IST

हाथरस कांड पर ने केवल विपक्ष सरकार के रवैये पर सवाल उठा रहा है, बल्कि नरेंद्र मोदी कैबिनेट में शामिल मंत्री राम दास अठावले भी विरोध दर्ज करा रहे हैं।

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केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने हाथरस के गुनहगारों को फांसी देने की मांग की
मुख्य बातें
  • हाथरस कांड पर विपक्ष के निशाने पर है योगी सरकार, सरकार पर लापरवाही का आरोप
  • विपक्ष का आरोप कुछ छिपाने के मकसद से सरकार पीड़ित के गांव का दौरा नहीं करने दे रही
  • केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले नें फांसी देने की मांग की।

लखनऊ। हाथरस की बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। उस बेटी के साथ जिस तरह से हैवानियत की गई वो शर्मसार करने वाली तो थी ही इसके साथ ही पीड़ित परिवार की आखिरी ख्वाहिश को जिला प्रशासन ने नकारा उसके बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। हाथरस कांड के विरोध में टीएमसी सांसदों का दल हाथरस पहुंचा। लेकिन पुलिस ने गांव में घुसने नहीं दिया और सांसदों का कहना है कि पुलिस की तरफ से बदसलूकी की गई। हालांकि प्रशासन आरोपों से इंकार कर रहा है। लेकिन मोदी कैबिनेट के मंत्री रामदास अठावले ने कड़ा रुख अख्तियार किया है और योगी सरकार से यह खास मांग की है। 

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि वो कल लखनऊ में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर हाथरस की घटना पर चर्चा करेंगे। सभी चार आरोपियों को फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से दलित बेटी के साथ कुकृत्य किया गया उससे साबित होता है कि अभी भी सामंती मानसकिता वाले लोग हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि जिला प्रशासन का रवैया बेहद ही संवेदनहीन रहा है। 


केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले भी शुक्रवार को हाथरस जाने वाले थे। लेकिन कानून व्यवस्था का हवाला देकर प्रशासन ने उन्हें जाने से रोक दिया। पीड़ित परिवार के साथ साथ दूसरे विपक्षी दलों का कहना है कि यह समझ के बाहर है कि एसआईटी जांच के नाम पर गांव में प्रवेश क्यों नहीं करने दिया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने तो हाथरस के डीम पर भी संगीन आरोप लगाए कि किस तरह से उन्होंने उसके ताऊ की छाती पर लात मारे। मोबाइल को छीन लिया गया ताकि अंदर की बात बाहर न जा सके। इसके साथ ही प्रशासन की तरफ से तरह तरह की धमकियां मिल रही है, ऐसे में परिवार को निष्पक्ष न्याय की उम्मीद कम है। 

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