नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खान के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पहले इलाहबाद हाई कोर्ट से उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई। अब रामपुर कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ सभी संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया है। पिछले 2 महीने से समन होने के बाद भी कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर ये आदेश जारी किया गया है।
अब्दुल्ला आजम के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र होने के मामले में तीनों के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। इस मामले में अदालत ने पहले दो बार गैर जमानती वारंट भी जारी किए। इसके बाद भी आजम खान और उनका परिवार कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। बुधवार को अदालत ने मामले की सुनवाई की और कुर्की का नोटिस जारी किया। मामले में अगली सुनवाई 24 जनवरी को होगी।
आजम और उनके परिवार के खिलाफ ये मामला रामपुर के भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने दर्ज कराया था। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि अब्दुल्ला के पास पहले से ही लखनऊ नगर निगम से जारी एक जन्म प्रमाण पत्र था और उन्होंने दूसरा जन्म प्रमाणपत्र भी बनाया था जो रामपुर नगरपालिका परिषद से जारी किया गया।
हाल ही में फर्जी आयु प्रमाणपत्र में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला की विधायकी रद्द कर दी। इसके खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। हाई कोर्ट ने उनकी सदस्यता इस आधार पर रद्द कर दी थी कि वह वर्ष 2017 में चुनाव लड़ने की निर्धारित आयु से कम उम्र के थे और चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे।
चुनाव में आजम खान के बेटे से हारने वाले बसपा उम्मीदवार नवाब काजिम अली खान ने चुनावी याचिका दायर कर कहा था कि मोहम्मद अब्दुल्ला की विधानसभा सदस्यता रद्द की जानी चाहिए क्योंकि चुनाव लड़ने के समय उनकी उम्र 25 साल नहीं थी और उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए फर्जी आयु प्रमाणपत्र पेश किया। काजिम अली ने कहा था कि अब्दुल्ला की वास्तविक जन्मतिथि एक जनवरी 1993 है, न कि 30 सितंबर 1990 जैसा कि उन्होंने नामांकन पत्र में दावा किया था।