- इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान की 11 दिसंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है
- उनकी ओर से दाखिल अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए ये फैसला दिया
- दिक्कतों में घिरे आजम खान के लिए इसे थोड़ी राहत माना जा रहा है
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के रामपुर (Rampur) से समाजवादी पार्टी सांसद आजम खान (Azam Khan) के लिए लंबे समय बाद राहत भरी खबर सामने आई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजम खान की ओर से दाखिल अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई करते हुए 11 दिसंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
उनकी गिरफ्तारी पर 11 दिसंबर तक रोक लगी है। गौरतलब है कि आजम खान ने अपने खिलाफ दर्ज 16 अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी पर रोक की मांग के लिए याचिका दाखिल की थी, बताया जा रहा है कि इनमें बकरी और मुर्गी चोरी करने जैसै मामले भी शामिल थे।
आजम पर रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी रहीं जयाप्रदा पर चुनाव के दौरान अभद्र टिप्पणी का भी एक मामला दर्ज है इसके अलावा उनपर दर्ज मामलों में यतीम खाने और वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जे, चुनाव आचार संहिता उल्लंघन आदि प्रमुख हैं।
आजम खान कर रहे हैं कई मुकदमों का सामना
गौरतलब है कि आजम खान पिछले काफी समय से कई मुकद्दमों का सामना कर रहे हैं अगस्त में उन पर एक भैंस चोरी करने का मामला दर्ज किया गया था। खान पर आसिफ और जाकिर अली द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने दावा किया था कि सांसद ने पांच अन्य लोगों के साथ, 15 अक्टूबर 2016 को उनके घर में घुसकर उनके आवास में तोड़फोड़ की और 25,000 रुपये नकद के साथ उनकी भैंस चुराकर ले गए।
इससे पहले आजम खान पर एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। पुलिस को जानकारी मिली थी कि रामपुर क्लब से 2 बड़े शेर की मूर्तियों चोरी हो गई हैं और उसे मौलाना अली जौहर विश्वविद्यालय में स्थापित किया गया है।आजम पर आरोप है कि उनके आदेश पर रामपुर क्लब से 2 बड़े शेरों की मूर्तियां चोरी कर मौलान अली जौहर विश्वविद्यालय में लगाई गई।
इसके बाद पुलिस ने जौहर विश्वविद्यालय में जांच की और शेरों की मूर्तियों को अपने कब्जे में ले लिया था। वहीं आजम खान पर
चुनाव के दौरान अभद्र भाषा का प्रयोग करने, जमीन हड़पने, अवैध रूप से संपत्ति हाथियाने, किताबें चुराने जैसे कई मामलों में मुकदमा दर्ज है।