- पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद मौजूदा दौर में जेल में बंद हैं
- चिन्मयानंद पर कानून की छात्रा ने यौन शोषण करने का आरोप लगाया है
- बीजेपी ने उन्नाव रेप कांंड के आरोपी MLA कुलदीप सिंह सेंगर को भी विवाद तूल पकड़ने पर पार्टी से निकाल दिया था
लखनऊ: सियासत में एक बात कही जाती है कि अगर चारित्रिक दाग किसी नेता पर लगने शुरू हो जाते हैं तो वह दल भी उससे पल्ला झाड़ने लगता है जिससे वह ताल्लुक रखता है। कुछ ऐसा ही आजकल चल रहा है मौजूदा सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ। पार्टी ने कहा है कि चिन्मयानंद (Chinmayanand) बीजेपी के सदस्य नहीं हैं।
पार्टी प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव ने कहा, 'चिन्मयानंद बीजेपी के सदस्य नहीं हैं।' हालांकि, पार्टी प्रवक्ता ने ये नहीं बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद कब से बीजेपी सदस्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे सभी रिकॉर्ड अब डिजीटल हो गए हैं और इसलिए हम यह नहीं बता सकते हैं कि वह पार्टी के सदस्य कब से नहीं हैं।'
बता दें कि चिन्मयानंद पर एक कानून की छात्रा ने यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। विवाद बढ़ने के बाद, कोई भी बीजेपी नेता चिन्मयानंद के समर्थन में नहीं आया था। इसके बाद पुलिस ने शुक्रवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, साधु- संतों की प्रमुख संस्था अखाड़ा परिषद ने भी कहा है कि 10 अक्टूबर को हरिद्वार में बैठक में चिन्मयानंद को निकाय से निष्कासित करने का निर्णय लिया जाएगा।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि ने कहा, 'इस तरह के अधिकांश मामलों में, व्यक्ति को अखाड़ा परिषद से निष्कासित कर दिया जाता है जब तक कि वह निर्दोष साबित नहीं हो जाता है।' गिरि ने कहा कि 72 वर्षीय चिन्मयानंद प्रयागराज स्थित महानिर्वाणी अखाड़े के थे।
वहीं, पिछले साल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चिन्मयानंद के खिलाफ एक शिष्य और उनके द्वारा चलाए गए मुमुक्षु आश्रम के प्रबंधक पर बलात्कार और अपहरण का मुकदमा वापस लेने का आदेश दिया था। हालांकि, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, जिला अदालत, शाहजहांपुर ने पीड़ित से आपत्तियों के बाद वापसी की कार्यवाही को रोक दिया था।
मुमुक्षु आश्रम (Mumukshu Ashram) के प्रबंधक ने 30 नवंबर, 2011 को चिन्मयानंद के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्हें कई वर्षों तक बंदी बनाया गया, बलात्कार किया गया और उनके साथ मारपीट की गई।
गौरतलब है कि चिन्मयानंद को उत्तर प्रदेश के जौनपुर से 13 वीं लोकसभा के लिए 1999 में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था और वह अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में गृह राज्य मंत्री थे। उन्होंने 1991 में बदायूं से और 1998 में मखलीशहर से आम चुनाव जीते था।
बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब बीजेपी ने किसी नेता पर इस तरह के आरोप लगने के बाद कहा है कि वह शख्स पार्टी का सदस्य नहीं है। इससे पहले जब उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का नाम एक लड़की के साथ बलात्कार को लेकर उछला था और जब इस पर विवाद बढ़ने लगा तो पार्टी ने कहा था कि सेंगर को बीजेपी से निकाल दिया गया है।