हिंदुस्तान का अपमान करना आजकल फैशन बन गया है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर जब जिसका मन करता है वो देश के खिलाफ बोल देता है। ऐसा लगता है कि ऐसे लोग ये मानकर बैठे हैं कि देश को कोसकर वो मोदी को कोस रहे हैं। हद तो तब है जब देश के खिलाफ बोलने वाले ऐसे सो कॉल्ड इन्टलेक्चुअल के साथ देश के ही कुछ बड़े नेता खड़े हो जाते हैं। अब एक्टर और कॉमेडियन वीर दास ने कुछ ऐसा ही किया है। बीते दिनों वीर दास ने अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में एक कार्यक्रम किया और अपनी कविता में भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को जमकर हवा दी थी। वीर दास ने भारत को, भारत की राजनीति को, स्थानीय मुद्दों को, पीएम मोदी को खूब कोसा। इतना ही नहीं वो बोलते-बोलते वो तब सारी सीमाएं लांघते दिखे जब उन्होंने भारत में नारी पूजने की परंपरा के साथ रेप को जोड़ दिया। करीब सात मिनट की इस कविता में वीरदास ने देश का जमकर मजाक उड़ाया।
हैरानी की बात तो ये है कि देश के अपमान वाली इस कविता की आलोचना के बदले कई बड़े नेता वीर दास की बात को जस्टिफाई करने लगे। कपिल सिब्बल, शशि थरूर, दिग्विजय सिंह ने वीर दास का समर्थन किया तो बीजेपी ने कांग्रेस पर कॉमेडियन के सहारे एजेंडा चलाने का आरोप लगाया। देश में वीर दास के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा है। सोशल मीडिया पर लोग देश का अपमान करने वाले वीरदास का विरोध कर रहे हैं। दिल्ली और मुंबई में वीर दास के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। इसके बाद वीर दास को अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी।
सफाई में वीरदास कह रहे हैं कि वीडियो का मकसद ये बताना है कि हेडलाइन से अलग हमारा देश बहुत कुछ है। इस वीडियो के छोटे से हिस्से से आपको बरगलाया जा रहा है, ऐसा मत होने दीजिए। लोगों ने भारत के लिए चीयर किया और वो नफरत नहीं प्यार से भरी आवाजें थीं।
ऐसे में सवाल हैं
- सात समंदर पार, क्या वीर दास ने देश का मजाक बनाकर नहीं छोड़ दिया?
- क्या ये कहना कि दिन में पूजते हैं..रात में रेप करते हैं देश का सम्मान है?
- नारी शक्ति को रेप से जोड़ना क्या महिलाओं का अपमान नहीं?
- अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर देश का अपमान क्यों?
- कॉमेडियन के प्रोपेगैंडा को कांग्रेस ने एजेंडा क्यों बनाया?