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अगर एक मंत्री का टारगेट ₹100 करोड़ था, तो बाकी मंत्रियों का कितना टारगेट था?, उद्धव से BJP का सवाल

Updated Mar 21, 2021 | 13:30 IST

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के एक पत्र के बाद बीजेपी उद्धव ठाकरे सरकार पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महाराष्ट्र सरकार से कई सवाल पूछे हैं।

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'अगर एक मंत्री का टारगेट 100 करोड़ था, तो बाकी का कितना था?'
मुख्य बातें
  • मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह के एक खुलासे के बाद उद्धव सरकार पर हमलावर हुई बीजेपी
  • केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उद्धव ठाकरे और शरद पवार को कटघरे में किया खड़ा
  • प्रसाद बोले सचिन वाझे के पेट में क्या क्या सीक्रेट है ?

नई दिल्ली: मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की एक चिट्ठी के बाद देश की सियासत में उथल- पुथल मची हुई है। बीजेपी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार (MVA) पर लगातार हमलावर है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव सरकार से सवाल किया कि अगर एक मंत्री का टारगेट ₹100 करोड़ था, तो बाकी मंत्रियों का कितना टारगेट था?

शरद पवार से सवाल

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर ने एक चिट्टी लिखी है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री और राज्यपाल जी को, जिसमें उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार के गृह मंत्री ने सचिन वाजे से कहा कि हमें 100 करोड़ रुपये महीना बंदोबस्त करके दो।' रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'पूर्व कमिश्नर परमबीर ने कहा है कि मैं शरद पवार को भी ब्रीफ करता था। शरद पवार वहां सरकार का अंग नहीं है, तो एक पुलिस कमिश्नर उनको ब्रीफ क्यों कर रहा था और उसने ये भी बताया कि पैसे मांगे जा रहे हैं। तो शरद पवार ने क्या कार्यवाही की?

वाझे के पेट में क्या सीक्रेट हैं- प्रसाद

सचिन वाझे को लेकर उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सचिन वाझे वर्षों तक सस्पेंड था, वर्षों के बाद उसको कोरोना काल में अप्वाइंट कराया गया और कहा गया कि कोरोना में पुलिस वाले बीमार पड़ रहे हैं इसलिए इनको लिया जा रहा है। भाजपा की तरफ से पहला सवाल ये है कि सचिन वाझे की नियुक्ति किसके दबाव में की गई? सचिन वाझे के पेट में क्या क्या सीक्रेट है ? पूरी की पूरी शिवसेना उसके बचाव में क्यों खड़ी है ? 100 महीने की उगाही किसके लिए कर रहे थे देशमुख अपनी पार्टी NCP के लिए या पूरी उद्धव सरकार के लिए ? शरद पवार की ख़ामोशी भी गंभीर सवाल खड़े करती है'

ये ऑपरेशन लूट

रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'ये भ्रष्टाचार नहीं है इसे कहते हैं- ऑपरेशन लूट। सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करो और जनता के पैसे लूटो ये उसका टेक्स्ट बुक केस है।इस प्रकरण से एक और बहुत बड़ा गंभीर सवाल उठता है- 100 करोड़ रुपये का टार्गेट था मुंबई से तो कृपया करके उद्धव ठाकरे और शरद पवार जी बताएं कि पूरे महाराष्ट्र का टार्गेट क्या था? अगर एक मंत्री का टार्गेट 100 करोड़ था तो बाकी मंत्रियों का टार्गेट क्या था?'

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