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सरकार कोविशील्ड को टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल करने की ईयू से अनुशंसा करे :सीरम इंस्टीट्यूट

Updated Jun 29, 2021 | 11:02 IST

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने सरकार से आग्रह किया है कि वो कोविशील्ड टीकाकरण को यूरोपीय यूनियन कोविड 19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल करने की अनुशंसा करे।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला
मुख्य बातें
  • यूरोपीय संघ औषधि एजेंसी (ईएमए) ने केवल चार टीकों को दी है मंजूर
  • सरकार कोविशील्ड को ईयू कोविड 19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल करने की करे अनुशंसा- सीरम

नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने सरकार से आग्रह किया है कि ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में कोविशील्ड टीके को शामिल करने की अनुशंसा यूरोपीय संघ एवं अन्य देशों से की जाए। उसने कहा कि ऐसा नहीं होने पर इससे छात्र एवं व्यवसाय के सिलसिले में यात्रा करने वाले प्रभावित होंगे और इससे भारतीय एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था में गंभीर समस्या आ सकती है। यूरोपीय संघ औषधि एजेंसी (ईएमए) ने केवल चार टीके -- फाइजर/बायोएनटेक के कोमिरनैटी, मॉडर्ना, एस्ट्रा जेनेका-ऑक्सफोर्ड के वैक्सजेरविरीया एवं जॉनसन एंड जॉनसन के जानसेन को मंजूरी दी है और जिन लोगों को ये टीके लगे हैं उन्हें ही टीकाकरण पासपोर्ट मिलेगा और महामारी के दौरान ईयू के अंदर यात्रा की अनुमति मिलेगी।

छात्रों को आएंगी दिक्कतें
एक सूत्र ने एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला के हवाले से कहा, ‘‘भारत की आबादी बड़ी है। कोविशील्ड को ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल नहीं करने से कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले लोग यूरोपीय देशों की यात्रा नहीं कर सकेंगे और इससे छात्रों, व्यवसायियों को यात्रा में दिक्कतें आएंगी और इससे हमारी अर्थव्यवस्था एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था में बड़ी बाधा उत्पन्न होगी।’’ पूनावाला ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर ये बातें कही हैं।

50 फीसदी भारतीय आबादी को लगेगा कोविशील्ड टीका
सूत्रों ने पूनावाला के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि एसआईआई में सरकार एवं विनियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने इसमें जयशंकर से भी हस्तक्षेप करने के लिए कहा है। सिंह ने कहा है, ‘कोविशील्ड टीके को अगर ईयू कोविड-19 टीकाकरण पासपोर्ट में शामिल किया जाता है तो यह देश हित में होने के साथ ही दुनिया भर के लोगों के हित में होगा।’ पूनावाला ने समझा जाता है कि पत्र में जिक्र किया है कि भारत में करीब 30 करोड़ लोगों को कोविशील्ड का टीका लग चुका है और उम्मीद है कि 50 फीसदी से अधिक भारतीय आबादी को कोविशील्ड का टीका लगेगा।

जल्द समाधान की उम्मीद
पत्र में इस बात का जिक्र है कि एस्ट्राजेनेका-एसआईआई कोविशील्ड का निर्माण ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत हुआ है और टीके का क्लीनिकल परीक्षण विदेशों में भी सफलतापूर्वक हुआ है और एमएचआरसी ने आपातकालीन उपयोग के लिए इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी है। पूनावाला ने सोमवार को कहा कि उन्होंने कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले भारतीयों को यूरोपीय संघ की यात्रा में आ रही दिक्कतों से जुड़े मुद्दों को उच्चतम स्तर पर उठाया है और उम्मीद है कि इसका जल्द समाधान होगा।पूनावाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘मुझे पता है कि कोविशील्ड का टीका लगवाने वाले कई भारतीयों को ईयू की यात्रा करने में समस्याएं आ रही हैं, मैं हर किसी को आश्वासन देता हूं कि इसे मैंने उच्चतम स्तर पर उठाया है और इसके जल्द समाधान की उम्मीद है।’’

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