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Republic Day 2022: गणतंत्र दिवस के वो अनसुने और रोचक किस्से, जिन्हें पढ़कर आपको भी होगी हैरानी

Updated Jan 26, 2022 | 09:04 IST

26 January 2022 Republic Day: आज ही के दिन, यानि 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ है। ये वो दिन था जब भारत को पूर्व गणतंत्र घोषित कर दिया गया था।

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Republic Day: जानिए गणतंत्र दिवस के अनसुने और रोचक किस्से
मुख्य बातें
  • यहां पेश हैं संविधान से संबंधित कुछ रोचक तथ्य
  • संविधान तैयार होने में लगा था 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय
  • इस बार गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार होगा 75 विमानों का ‘फ्लाई-पास्ट'

Happy Republic Day: देश आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस खास मौके पर देशभर में विभिन्न आयोजन किए जा रहे हैं। मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के राजपथ पर हो रहा है जहां तमाम झांकियां और परेड निकाली जा रही है। कोराना की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरा खयाल रखा जा रहा है। आज की के दिन 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया था। इस संविधान को तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे।

रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि इस बार भारतीय वायुसेना के 75 विमानों का भव्य फ्लाई-पास्ट, प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के माध्यम से चयनित 480 नर्तकों द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन, 75 मीटर लंबाई के 10 स्क्रॉल का प्रदर्शन और 10 बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए जाने जैसे कार्यक्रम बुधवार को गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार होंगे।

इतने सदस्य थे शामिल

वर्ष 1946 में कैबिनेट मिशन प्लान के तहत संविधान सभा का गठन किया गया जिसका सभापति डॉ.राजेंद्र प्रसाद को और प्रारूप समिति का अध्यक्ष डॉ.बी.आर.अंबेडकर को नियुक्त किया गया था। ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए 13 समितियां गठित हुई थी जिसमें शुरूआत में कुल 389 सदस्य थे। प्रोविंसेज के 292 प्रतिनिधि, राज्यों के 93 प्रतिनिधि, चीफ कमिश्‍नर प्रोविंसेज के 3, बलुचिस्तान के 1 प्रतिनिधि शामिल थे। बाद में मुस्लिम लीग ने खुद को इससे अलग कर लिया, जिसके बाद संविधान सभा के सदस्यों की संख्या 299 रह गई।

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विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान

भारतीय संविधान को तैयार होने में 2 साल 11 माह और 18 दिन लगे जो दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। संविधान को 444 अनुच्छेद 22 भागों व 12 अनुसूचियों में बांटा गया था। इसमें विभिन्न देशों के संविधान का भी मिश्रण हैं। इसे बनाने के लिए 10 प्रमुख देशों के अलावा उस समय मौजूद 60 से अधिक संविधानों की सहायता ली गई। 'स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व' की अवधारणा फ्रांसीसी संविधान से प्रेरित है जबकि पंचवर्षीय योजना की प्रेरणा सोवियत संघ के संविधान से ली गई।

आठ किलोमीटर लंबी परेड

26 जनवरी 1950 को सुबह 10.18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी, 1950 को पहली गणतंत्र दिवस परेड, राजपथ के बजाय तत्‍कालीन इर्विन स्‍टेडियम (अब नेशनल स्‍टेडियम) में हुई थी। अब राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड आयोजित होती है जो करीब आठ किलोमीटर की होती है और इसकी शुरुआत रायसीना हिल से होती है। उसके बाद राजपथ, इंडिया गेट से होते हुए ये लाल किले पर समाप्‍त होती है।

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होती है कड़ी जांच

 गणतंत्र दिवस की परेड़ में भाग लेने वाले सेना के प्रत्येक सदस्य को कड़ी जांच से गुजरना होता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि यहां भाग लेने वाले सदस्य के पास कोई भी ऐसी चीज ना हो जिससे खतरा पैदा हो सके। सेना के प्रत्येक सदस्य को चार परतों से गुजरना होता है साथ ही उनके हथियारों का भी निरीक्षण किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके पास जिंदा गोलियां या कारतूस तो नहीं हैं।

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