नई दिल्ली : देश 26 जनवरी को 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। इस दौरान राजपथ पर होने वाले परेड से भला कौन वाकिफ नहीं होता। इस दौरान होने वाली सैन्य परेड जहां भारत की सैन्य ताकत को दुनिया के समक्ष रखती है, वहीं विभिन्न राज्यों की झांकियां न केवल वहां की विविधता को दर्शाती हैं, बल्कि अनेकता में एकता का संदेश भी देती हैं। आज अगर किसी से यह पूछा जाए कि गणतंत्र दिवस की परेड कहां होती है वह आसानी से राजपथ का नाम लेगा। इतना ही नहीं, अगर उनसे यह पूछा जाए कि साल 1950 में जब भारत पहला गणतंत्र दिवस मना रहा था, उस वक्त परेड कहां हुई थी, तब भी अधिकांश लोगों का जवाब राजपथ ही होगा। लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि देश में जब पहली बार गणतंत्र दिवस परेड आयोजित की गई तो वह राजपथ पर नहीं हुई थी।
देश में पहले गणतंत्र दिवस समारोह का जब आयोजन किया गया था, उस वक्त परेड राजपथ पर नहीं, बल्कि इरविन स्टेडियम में हुई थी। तब इसके चारों ओर चहारदिवारी नहीं थी और इसलिए उस वक्त की तस्वीरों में स्टेडियम के पीछे पुराना किला साफ नजर आता है।
(तस्वीर साभार : PIB Defence)
1951 में जब पहले एशियन गेम्स का आयोजन किया गया था, उससे ठीक पहले इस स्टेडियम का नाम बदलकर नेशनल स्टेडियम कर दिया गया था, जिसमें 2002 में ध्यानचंद नाम जोड़ा गया और आज यह स्टेडियम मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम के नाम से जाना जाता है।
1955 से राजपथ पर होता है परेड का आयोजन
वर्ष 1950 में 26 जनवरी को आयोजित प्रथम गणतंत्र दिवस पर परेड का आयोजन इरविन स्टेडियम से लाल किले तक किया गया था और तब रास्ते में लोग इसकी एक झलक पाने के लिए विभिन्न इमारतों की छत पर खड़े हो गए थे। 1950 से लेकर 1954 तक गणतंत्र दिवस का समारोह कभी इरविन स्टेडियम तो कभी किंग्सवे कैंप और कभी लाल किला तथ रामलीला मैदान में आयोजित हुआ।
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर परेड के आयोजन की शुरुआत साल 1955 में हुई थी, जिसके बाद से यह सिलसिला आज तक बना हुआ है। परेड रायसीना हिल से शुरू होकर गणतंत्र दिवस परेड करीब आठ किलोमीटर की दूरी तय करते हुए राजपथ और इंडिया गेट से होते हुए लालकिला पर खत्म होती है।
हालांकि इस बार कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए एक बार फिर इस परेड में बदलाव देखने को मिल रहा है और यह परेड लाल किले तक नहीं जाएगी। अब तक की जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक, गणतंत्र दिवस की परेड इस बार लाल किला तक नहीं जाएगी, बल्कि यह नेशनल स्टेडियम पर ही खत्म होगी।