- सुरक्षाबलों को लंबे समय से थी रियाज नाइकू की तलाश
- बुधवार सुबह मुठभेड़ में मारा गया हिज्बुल का टॉप कमांडर
- रियाज के मारे जाने के बाद आतंकी नेटवर्क को लगा बड़ा झटका
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों को बुधवार को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। दो अलग-अलग मुठभेड़ों में लश्कर ए तैयबा एवं हिज्बुल मुजाहिदीन के चार आतंकवादी मारे गए। अवंतीपुर जिले के बेगपोरा गांव में सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर के दौरान हिज्बुल के कमांडर रियाज नाइकू (Riyaz Naikoo) और उसके एक सहयोगी को ढेर कर दिया। आतंकियों को मारने के लिए सुरक्षाबलों ने अपना जाल मंगलवार रात ही बिछा दिया लेकिन मुठभेड़ बुधवार सुबह शुरू हुई।
रियाज नाइकू (Riyaz Naikoo) हिज्बुल का दुर्दांत आतंकवादी था। यह कश्मीर में कई हत्याओं एवं अपराध की अन्य घटनाओं में शामिल था। सुरक्षाबलों को लंबे समय से इसकी तलाश थी। रियाज मई 2012 में हिज्बुल में शामिल हुआ। वह बुरहान वानी का करीबी रह चुका है। जाकिर मूसा अपना आतंकवादी संगठन अंसार गजवात उल हिंद बनाने के लिए हिज्बुल से अलग हो गया। इसके बाद रियाज ने जम्मू-कश्मीर में हिज्बुल की कमान संभाली। सुरक्षाबलों ने पिछले साल मूसा को भी मार गिराया।
युवाओं को करता था गुमराह
हिज्बुल की कमान संभालने के बाद अपने आतंकी संगठन में नए लड़कों को भर्ती करने के लिए रियाज लगातार ऑडियो एवं वीडियो क्लिप बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहा था। अब तक वह कई युवाओं को गुमराह कर दहशतगर्दी के रास्ते पर धकेल चुका था।
हिज्बुल को नए सिरे से खड़ा किया था
हाल के दिनों में रियाज ने सुरक्षाबलों के खिलाफ हमले की साजिश रची और उन्हें निशाना बनाया। उसने एक तरीके से कश्मीर में हिज्बुल को नए सिरे से खड़ा किया। कई मौकों पर उसने पाकिस्तान के समर्थन में एवं अलगाववादी प्रोपगैंडा फैलाने के लिए वीडियो एवं ऑडियो जारी किए। उसने पुलिसकर्मियों, सुरक्षाबलों एवं नागरिकों पर सिलसिलेवार हमले किए। यही नहीं निर्दोष नागरिकों को पुलिस एवं सुरक्षाबलों का मुखबिर बताकर उनकी निर्दयता से हत्या भी की।
रियाज के गुनाहों की लिस्ट
- डोगरीपोरा में 8-3-2014 को एक सरपंच के पिता हाजी गुलाम मोहम्मद डार की हत्या
- भाटपोरा टोकना में पुलिस बस पर फायरिंग
- मोहिउद्दीन डार की हत्या
- खानदयपोरा निवासी जावेद अकबर की हत्या
- पदगमपोआरा में पुलिस हेडकांस्टेबल आशिक हुसैन मीर की हत्या
- कांस्टेबल नसीर अहमद का अपहरण, पूर्व विधायक वाची के आवास से 9 हथियारों की लूट
- कुलगाम में छह प्रवासी मजदूरों की हत्या
- पांच अगस्त के बाद फल कारोबारियों एवं ट्रक चालकों की हत्या
इनके अलावा रियाज के खिलाफ कई सारे आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके सिर पर 12 लाख रुपए का इनाम घोषित था। रियाज के मारे जाने के बाद दक्षिण कश्मीर में आतंकी सरगनाओं का एक तरीके से सफाया हो गया है। हिज्बुल कमांडर के मारे जाने के बाद आतंकी नेटवर्क चलाने वालों को एक बड़ा झटका लगा है।